झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने झारखंड के वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी चुनौती देने का निर्णय ले लिया है. दरअसल झारखंड के सियासी गलियारे में बीते 2 दिनों से चल रही सियासी हलचल के बीच चंपाई सोरेन ने बड़ा फैसला ले लिया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन दिल्ली में मौजूद हैं और वह अगले कुछ दिनों में बीजेपी में शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार जेएमएम और कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट विधायकों और नेताओं के साथ चंपाई सोरेन बीजेपी का दामन थामेंगे. फिलहाल अलग-अलग मुद्दों पर उनकी बीजेपी के साथ बातचीत जारी है. दरअसल सूत्रों के अनुसार जेएमएम विधायक दशरथ गागराई, चमड़ा लिंडा, लोबिन हेंब्रम लगातार सीएम हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे थे. इसी नाराजगी की वजह से ये सारे विधायकों ने चंपाई सोरेन के साथ बीजेपी जॉइन करने का मन बनाया है.वहीं इनके अलावा कुछ अन्य विधायकों के साथ भी बातचीत चल रही है. चंपाई सोरेन के मुताबिक ये सारे विधायक करीब आधे दर्जन हैं. चंपाई सोरेन के अनुसार जेएमएम और कांग्रेस के अन्य नेता भी उनके साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में 2 अन्य विकल्पों की भी चर्चा की थी, जिसमें उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने या अलग संगठन बनाने की बात भी कही थी. कुछ लोग यह भी बता रहे हैं कि चंपाई सोरेन छोटी पार्टी के साथ जुड़कर संगठन बना सकते हैं और फिर एनडीए के साथ जुड़ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार चंपाई सोरेन इसी हफ्ते बड़ा फैसला ले सकते हैं. बता दें, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट शेयर कर लिखा था कि पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता. इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया. मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि – “आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है.” इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे. पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना. उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं.
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