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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, 3 दिन का राजकीय शोक, बेटे हेमंत ने कहा- आज मैं शून्य हो गया

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सोमवार सुबह निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर शोक जताते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने कहा कि गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए. पीएम मोदी ने भी निधन भी शोक जताया. पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सुबह 8:48 पर निधन हो गया. वह गंगाराम अस्पताल में  डिपार्टमेंट में एडमिट थे. उन्हें किडनी से संबंधित समस्या थी. इसके अलावा शरीर में और भी कुछ परेशानी भी थी. वह 81 साल के थे. झारखंड में 4 अगस्त से 6 अगस्त तक 3 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. 4 और 5 अगस्त को 2 दिनों तक झारखंड के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे.गंगाराम अस्पताल ने निधन पर अपना बयान जारी करते हुए कहा, “अत्यंत दुःख के साथ हम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन की सूचना देते हैं. वे नई दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल में 19 जून 2025 से भर्ती थे. उनका इलाज नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉ. एके भल्ला, की देखरेख में किया जा रहा था. हालांकि हमारी टीम की लगातार कोशिशों के बाद भी उनका आज निधन हो गया. हम दुःख की इस घड़ी में उनके परिवार, उनके प्रियजनों और झारखंड के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और एक अत्यंत लोकप्रिय जननेता को खो दिया है.” झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज निधन हो गया. पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ. वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए खासतौर से समर्पित थे. उनके निधन से दुःख हुआ. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और संवेदना व्यक्त की. ॐ शांति. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोरेन के निधन पर कहा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक शिबू सोरेन झारखंड के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों विशेषरूप से जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए आजीवन संघर्ष किया. वे हमेशा जमीन और जनता से जुड़े रहे. मेरा भी उनसे लंबा परिचय रहा. उनके निधन से मुझे बहुत दुःख हुआ है. उनके परिवार एवं समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनायें. ओम् शांति! झारखंड के मुख्यमंत्री और बेटे हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर पिता के निधन की जानकारी देते हुए पोस्ट किया, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. आज मैं शून्य हो गया हूं.” शिबू सोरेन का लंबे समय से अस्पताल में नियमित इलाज चल रहा था. उन्हें 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया था, ‘उन्हें हाल में यहां भर्ती कराया गया, इसलिए हम उन्हें देखने आए हैं. उनकी स्वास्थ्य समस्याओं की जांच की जा रही है.’ झारखंड राज्य बनाने के आंदोलन में अग्रणी रहे शिबू सोरेन को उनके प्रशंसक गुरुजी के नाम से पुकारते थे. वह 3 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे. हालांकि वह एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. वह बिहार से अलग कर बनाए गए झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री (2005) बने. 2005 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान वह महज 10 दिन, फिर 2008 में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान करीब एक साल और तीसरे कार्यकाल के दौरान कुछ महीने ही मुख्यमंत्री रह सके. मुख्यमंत्री होने के अलावा शिबू सोरेन केंद्र की राजनीति में भी कामयाब रहे. वह पहली बार 1980 में सांसद चुने गए थे. उन्होंने साल 1977 के लोकसभा चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें दुमका सीट से हार मिली. वह चुनाव में भारतीय लोकदल के बटेश्वर हेंब्रम से हार गए. हालांकि 1980 के चुनाव में वह सांसद चुन लिए गए. वह पहली बार दुमका से सांसद बने. इसके बाद साल 1986, 1989, 1991 और 1996 में लगातार जीत हासिल की. हालांकि 1998 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से शिकस्त का सामना करना पड़ा. 1999 के चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा लेकिन वो भी हार गईं. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में भी वह दुमका सीट से विजयी रहे.

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