हरियाणा में रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने में बीजेपी सफल रही। 17 अक्टूबर को हरियाणा के नए सीएम नायब सिंह सैनी शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई एनडीए के कई नेता शामिल होंगे। इसी कड़ी में बिहार के लोकप्रिय सांसद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी हरियाणा पहुंचे हैं। इस क्रम में चिराग पासवान ने असम के सीएम और झारखंड के प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात की। इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर दी। सोशल मीडिया पर ट्विट कर चिराग पासवान ने कहा कि, “आज हरियाणा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री नायाब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ जाने के क्रम में असम के लोकप्रिय मुख्यमंत्री एवं झारखंड के प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात हुई। इस दौरान झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चाएं हुई”। बता दें कि, चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया है। झारखंड में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 13 नबंवर को होगा तो वहीं 20 नबंवर को दूसरे चरण का मतदान होगा। मतदान को लेकर सभी तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं बिहार के कई पार्टियां झारखंड विधानसभा चुनाव को लड़ने का ऐलान कर चुकी है। जदयू, लोजपा(रा) और हम पार्टी ने झारखंड में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं असम के सीएम ने बीते दिन पहले कहा था कि झारखंड में बीजेपी आजसू और जदयू के साथ चुनाव लड़ेगी। जिसके बाद चिराग पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद माना जाने लगा की झारखंड में चिराग की पार्टी लोजपा(रा) को भी एक सीट मिल सकता है। हालांकि फिलहाल एनडीए में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। ऐसे में चिराग पासवान ने आज हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात की है।
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अलीगढ़ 19 जुलाई मनीषा ।शुक्रवार को क्वारसी फ़ार्म स्थित कृषि कल्याण केंद्र पर कृषि रक्षा अनुभाग द्वारा विभिन्न पारिस्थितिकी संसाधनों के माध्यम से कीट रोग नियंत्रण योजना अंतर्गत प्रसार कर्मचारियों एवं कृषकों को आईपीएम तकनीकी की जानकारी दी गई। ज़िला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि आईपीएम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग आप लोगों और पर्यावरण के लिए जोखिम को कम करते हुए कीट समस्याओं को हल करने के लिए कर सकते हैं। आईपीएम का उपयोग सभी प्रकार के कीटों को कहीं भी प्रबंधित करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शहरी, कृषि, और जंगली या प्राकृतिक क्षेत्रों में आईपीएम तकनीकी कारगर है। ज़िला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा कृषको एवं कर्मचारियों को बताया कि आईपीएम का उपयोग कृषि, बागवानी, वानिकी, मानव आवास, सांस्कृतिक संपत्ति के निवारक संरक्षण और सामान्य कीट नियंत्रण में किया जाता है, जिसमें संरचनात्मक कीट प्रबंधन, टर्फ कीट प्रबंधन और सजावटी कीट प्रबंधन शामिल हैं। उप कृषि निदेशक, कृषि रक्षा सतीश मलिक द्वारा बताया गया कि इसमें मौसम, फसल की वृद्धि, कीट आबादी, प्राकृतिक दुश्मन, कीट नियंत्रण गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती हैं। कीट आबादी में रुझान की पहचान करने और यह देखने के लिए कि प्रबंधन कार्यक्रम कितने अच्छे से काम कर रहे हैं, स्पष्ट रिकॉर्ड रखना महत्वपूर्ण है। कुछ कीटनाशक उपयोग रिकॉर्ड कानून द्वारा आवश्यक हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिजेंटा कंपनी से डॉ होडिल कुमार द्वारा नवीनतम रसायनों एवं ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों के छिड़काव के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण एवं गोष्ठी में संयुक्त कृषि निदेशक, उप कृषि निदेशक शोध उप कृषि निदेशक कृषि रक्षा कृषि रक्षा अधिकारी एवं सिजेंटा कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। Share on FacebookTweetFollow usSave
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