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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, क्या कर रही मोदी सरकार? सर्वदलीय बैठक में उठे ये सवाल

बांग्लादेश हिंसा को लेकर दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई है. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्षी दलों को स्थिति के बारे में ब्रीफ किया है. उन्होंने कहा है कि वह बांग्लादेश सेना के संपर्क बनाए हुए हैं. वहीं, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बाहरी ताकत की बात उठाई. दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुई हिंसा में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. हिंसा इतनी बढ़ गई कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भागना पड़ गया.सर्वदलीय बैठक में किसी भी नेता ने शेख हसीना के यहां आने और रहने पर सवाल नहीं खड़ा किया. सरकार ने कहा कि शेख हसीना जिस हालात से गुजरी हैं और अभी जिस मनोस्थिति में हैं उसको देखते हुए सरकार उनको समय और स्पेस देना चाहती है ताकि वो तय कर सकें कि आगे क्या करेंगी. हालांकि बैठक में ये जरूर पूछा गया है कि भारत के छात्रों का क्या होगा? हिंदुओ पर हमलों को लेकर भी सवाल पूछा गया, जिस पर सरकार ने कहा कि हम लगे हुए हैं और मामले को बारीकी से देख रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में सरकार की विदेश नीति का समर्थन किया. सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा जैसे हालात होंगे बताया जाएगा. सरकार, बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है. बॉर्डर पर चिंता की बात अभी नहीं है. एडवाइजरी के बाद 8 हजार भारतीय छात्र वापस लौट आए हैं. राहुल गांधी ने उनसे बाहरी ताकत के दखल पर सवाल पूछा, जिसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि बाहरी ताकत की बात अभी जल्दबाजी है. भारत सरकार की वेट एंड वॉच की रणनीति है. राहुल ने कहा कि मीडियम और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी होनी चाहिए.बांग्लादेश में स्थिति बद से बदतर है. इसी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीएम पद से इस्तीफे के बाद शेख हसीना को 45 मिनट के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया था. जैसे ही शेख हसीना देश से बाहर निकलीं वैसे ही आर्मी चीफ ने मीडिया को संबोधित किया और अंतरिम सरकार के गठन की बात कही. शेख हसीना के इस्तीफे बाद भी बांग्लादेश में उपद्रव नहीं जारी रहा. जनता सड़कों पर थी. वहां के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई सभी हत्याओं की जांच की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि सेना लोगों पर गोलीबारी नहीं करेगी. सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने देश में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लोगों से सहयोग मांगा. इस दौरान उपद्रवियों ने हिंदू मंदिरों व अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. कई हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई. अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले के बाद मस्जिदों से कुछ लोगों ने शांति व्यवस्था बनाने के अपील की और लोगों से अनुरोध किया कि वे अल्पसंख्यकों की रक्षा करें, ताकि असामाजिक तत्व कोई नुकसान न पहुंचाएं. इसके अलावा कुछ नेताओं ने भी अल्पसंख्यकों को निशाना न बनाने की अपील की.

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