हाथरस। (आरिफ खान) :
हादसे में मृतकों के परिजन का कहना है कि अभी केवल प्रदेश सरकार से घोषित सहायता राशि मिली है। केंद्र सरकार ने जो घोषणा की थी, वह धनराशि नहीं मिली। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफआईआर व अन्य अभिलेखों की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई है।
आपको अवगत करा दें कि सिकंद्राराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में एक माह पहले दो जुलाई को सत्संग में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजन दो अगस्त को घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे में किसी ने मां को खोया तो किसी ने बेटा खोया। इन्होंने बताया कि बीते एक माह में ऐसा कोई दिन नहीं बीता,जब परिजनों को याद नहीं आई। इस दौरान नम आंखों से दिवंगत परिजनों को श्रद्धांजलि दी। गत दो जुलाई को फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें फरीदाबाद निवासी करण कुमार की मां लीला देवी (55), संजय की मां तारा देवी (47), सतेंद्र के पुत्र रोबिन (2), शिवराज (60), कमला देवी (47) और सरोज देवी भी शामिल थी। करण कुमार और संजय के अलावा सतेंद्र, सुरेश, अमित और रंजीत शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचे। काफी देर तक ये घटनास्थल को निहारते रहे। संजय कुमार और करण कुमार ने बताया कि कोई दिन ऐसा नहीं बीता, जिसदिन उन्होंने मां को याद नहीं किया हो। बच्चे रोज पूछते हैं कि अम्मा कहां है, अब उन्हें क्या जवाब दें। इन्होंने दो मिनट का मौन धारण कर, दिवंगत परिजनों को श्रद्धांजलि दी। नारायण साकार हरि के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, मृतकों के परिजन पूछ रहे सवाल
करण, संजय, सतेंद्र और रंजीत निवासी फरीदाबाद का कहना था कि जब सत्संग में इतनी ज्यादा भीड़ आनी थी तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए। हादसे के आरोपी बाबा नारायण साकार हरि के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। केंद्र सरकार द्वारा घोषित सहायता राशि भी नहीं मिली
फरीदाबाद से आए लोगों ने बताया कि उन्हें अभी केवल प्रदेश सरकार से घोषित सहायता राशि मिली है। केंद्र सरकार ने जो घोषणा की थी, वह धनराशि नहीं मिली। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफआईआर व अन्य अभिलेखों की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई है। एक सवाल के जवाब में इन्होंने बताया कि पड़ोस की महिलाओं ने सत्संग में आने का कार्यक्रम बनाया था, जिसमें उनके परिवार की महिलाएं और बच्चे भी चले आए। शिवराज उनके साथ चले आए थे। टेंट का सामान हो रहा चोरी जिस पंडाल में सत्संग हो रहा था, हादसे के बाद उसका सामान घटनास्थल पर ही पड़ा है। बदायूं निवासी ठेकेदार राजकपूर ने बताया कि दो ट्रक सामान तो बदायूं चला गया, लेकिन बाकी तीन ट्रक सामान पुलिस उठाने नहीं दे रही है। ऐसे में खुले में पड़े बांस, बल्ली और लोहे के पैनल चोरी हो रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले न्यायिक, एसआईटी जांच चल रही है, जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक समान नहीं हटाया जा सकता है। कभी भी न्यायिक आयोग घटनास्थल पर आकर सीन रिक्रिएट कर सकता है। कपड़ा एक अस्थायी टेंट में रखा हुआ है। रात में जो लोग यहां रहते हैं, वह डर की वजह से टेंट से बाहर नहीं निकल पाते।