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लखनपुरा मस्जिद के इमाम पर बर्बर हमला, हालत नाज़ुक — जमीअत उलेमा ने जताया कड़ा रोष

अलीगढ़ 21 सितम्बर  फैसल खान। गाँव जिरौली में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहाँ मस्जिद के इमाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने बेरहमी से हमला कर दिया। हमले में इमाम साहब गंभीर रूप से घायल हो गए।
इमाम साहब गाँव में इमामत के साथ-साथ दूसरे गाँव में बच्चों को दीन की तालीम भी दिया करते थे। उनके अनुसार, कई दिनों से कुछ शरारती युवक उन्हें परेशान कर रहे थे और तरह-तरह से तंग कर रहे थे। लेकिन उन्होंने हमेशा सब्र और शांति का परिचय दिया। आज यह सिलसिला उस समय बड़े हादसे में बदल गया जब 10 से 15 लोगों के एक गिरोह ने घेरकर उन पर जानलेवा हमला कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही जमीअत उलेमा शहर और ज़िला अलीगढ़ की पूरी टीम मौके पर पहुँची। घायल इमाम को तत्काल मलखान सिंह अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक इलाज के बाद हालत गंभीर होने के चलते उन्हें जे.एन. मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रेफ़र कर दिया गया। जमीअत की टीम उनके साथ मेडिकल कॉलेज पहुँची और सारी औपचारिकताएँ पूरी कीं। वर्तमान में वे आपातकालीन वार्ड में भर्ती हैं और उनकी हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है।
इस मौके पर जमीअत उलेमा ज़िला अलीगढ़ के अध्यक्ष सैयद क़ारी अब्दुल्लाह अशरफ़ी, जनरल सेक्रेटरी/नाज़िमे आला मौलाना अब्दुल मुतअाली, तहसील कोल (शहर) अलीगढ़ के अध्यक्ष व इमाम-ख़तीब जामा मस्जिद अलीगढ़ मौलाना मुफ़्ती महमूदुल हसन क़ासमी, मौलाना सफीउल्लाह क़ासमी (जनरल सेक्रेटरी, जमीअत उलेमा शहर अलीगढ़), मुफ़्ती नुशाद क़ासमी (नायब जनरल सेक्रेटरी) सहित अन्य जिम्मेदार मौक़े पर पहुँचे। उन्होंने न सिर्फ घायल इमाम की हालचाल ली बल्कि गाँव की स्थिति का भी जायज़ा लिया। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने थाने पहुँचकर पुलिस से सख्त कार्रवाई की माँग की।
पुलिस ने इस घटना में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि दबाव के चलते उन्हें छोड़ दिया गया, जिससे जनता में भारी आक्रोश है।
इस घटना पर जमीअत उलेमा हिदं के प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा:
“यह कब तक सहा जाएगा? अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे जुल्म-ओ-सितम पर अब अंकुश लगना चाहिए। यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि क़ानून और इंसाफ़ की धज्जियाँ उड़ाने की कोशिश है।”
जमीअत उलेमा ने पुलिस विभाग से माँग की कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच की जाए और दोषियों पर बिना किसी दबाव के सख्त कार्रवाई हो। साथ ही जनता से शांति और सब्र बनाए रखने की अपील की गई ताकि क्षेत्र में कोई अशांति न फैले और इंसाफ़ क़ानूनी दायरे में हो सके।
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