रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा शुक्रवार को अपने औपचारिक और कूटनीतिक चरम पर पहुंच गई है. गुरुवार रात पीएम आवास पर निजी डिनर के जरिए शुरू हुई यह यात्रा आज सुबह राष्ट्रपति भवन में पूरे राजकीय सम्मान के साथ आगे बढ़ी. राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में पुतिन का सेरेमोनियल वेलकम हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. मुख्य गेट पर राष्ट्रपति अंगरक्षक दल और घुड़सवारों की सलामी, उसके बाद 21 तोपों की गूंज, और फिर तीनों सेनाओं की औपचारिक सलामी से स्वागत हुआ. इस पूरे समारोह ने भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक गहराई को एक बार फिर दिखाया है. पुतिन ने परेड का निरीक्षण किया और भारतीय सैन्य टुकड़ियों से मुलाकात कर सम्मान स्वीकार किया. इसके बाद औपचारिक परिचय का दौर चला, जिसमें भारत की ओर से मंत्रियों और अधिकारियों से पुतिन का परिचय कराया गया. फिर पुतिन ने अपने कैबिनेट और शीर्ष अधिकारियों से राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी का परिचय कराया. समारोह के अंत में तीनों नेता साथ दिखाई दिए, जिसके बाद पुतिन अगले चरण की ओर रवाना हुए. अब पुतिन राजघाट के लिए निकल चुके हैं, जहां वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. यह कार्यक्रम हर राजकीय यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और पुतिन की यात्रा में भी इसकी खास अहमियत है. दिल्ली इस वक्त पुतिन के स्वागत में सजी हुई है. तीन मूर्ति मार्ग से लेकर राष्ट्रपति भवन और राजघाट तक रूसी और भारतीय झंडों से पूरा क्षेत्र सजा है. वैश्विक स्तर पर इस यात्रा को भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संदेश माना जा रहा है. कुछ ही देर में पुतिन और पीएम मोदी हैदराबाद हाउस में वार्ता शुरू करेंगे, जिसमें रक्षा खरीद, ऊर्जा, 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य, भारतीय निर्यात बढ़ाने और कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी. दोनों देशों के बीच 10 सरकारी समझौते और 15 से अधिक कारोबारी डील साइन होने की भी संभावना है.
