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कर्पूरी ठाकुर जी की पुण्यतिथि पर अतिपिछड़ा समाज के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रख्यात समाजवादी नेता भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी की पुण्यतिथि पर आज झाझा विधायक श्री दामोदर राउत के पटना स्थित आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन व अध्यक्षता धानुक समाज के नेता शंकर प्रसाद ने किया। इस अवसर पर श्री गजेन्द्र पटेल, श्री संटू पटेल, श्री गुंजन कुमार, श्री विक्की पटेल, श्री छोटू समेत बड़ी संख्या में नेताओं व कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही। इस मौके पर सभी ने कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी नीतियों पर आजन्म चलने का संकल्प लिया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने कहा कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर किसी जाति के नहीं बल्कि जमात के नेता थे। वह देश के वैसे गिने-चुने नेताओं में से थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों, शोषितों व वंचितों के लिए अर्पित कर दिया। यही वजह थी उनके प्रशंसक सभी राजनीतिक दलों में तथा समाज के सभी वर्गों में थे। जन-जन में उनकी अपार लोकप्रियता को देखते हुए ही उन्हें जननायक भी कहा जाता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि यह कर्पूरी ठाकुर ही थे जिन्होंने साल 1971 में मुख्यमंत्री बनने पर किसानों को बड़ी राहत देते हुए गैर-लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को खत्म कर दिया था। इसी तरह सरकारी नौकरियों में मुंगेरीलाल कमीशन लागू कर गरीबों और पिछड़ों को आरक्षण देने की हिम्मत दिखाने वाले भी वही ही थे। उन्होंने ने ही अतिपिछड़े समाज की व्यथा को समझते हुए उन्हें पहली बार सरकारी नौकरियों में 12 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया। यह कर्पूरी ठाकुर जी ही थे जिन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जाति के पुरुषों के लिए तीन प्रतिशत और महिलाओं के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज उन्हीं की नीतियों को आगे बढ़ा रहे हैं। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी के बाद श्री नीतीश कुमार ही ऐसे राजनेता हुए हैं जिन्होंने सभी जाति-धर्मों के गरीबों, वंचितों के लिए दिल खोल कर काम किया है। उनके द्वारा करवाए गये जातिगत गणना और आरक्षण में की गयी बढ़ोतरी ने सभी के लिए उन्नति के नए द्वार खोल दिए हैं। यह उनके किये कामों का ही परिणाम है कि 2005 से लेकर अभी तक बिहार के 44 प्रतिशत से अधिक लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। उन्हीं के कारण आज बिहार के हर गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा पहुंच चुकी है। जीविका के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं में स्वावलंबन की भावना जागृत हुई है। इस अवसर पर धानुक समाज के नेता शंकर प्रसाद ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ईमानदारी और सादगी की ऐसी मिसाल थे, जो एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बाद मुख्यमंत्री रहने के बावजूद अपना एक घर तक नहीं बनवा सके। 1952 से लगातार विधायक रहने के बावजूद कर्पूरी ठाकुर रिक्शे से ही चलते थे। क्योंकि उनकी जायज आय कार खरीदने और उसका खर्च वहन करने की अनुमति नहीं देती थी। इसके बावजूद जनता के हित में वह हमेशा आगे बढ़ कर काम करते रहे। समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा किये गये कार्यों से अछूता रह गया हो। उनका जीवन हम सभी के लिए आदर्श है।

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