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जन भारत रंग कार्यक्रम के तहत नाटक का हुआ मंचन

पटना: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित भारत रंग महोत्सव की 25 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जन भारत रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें  21 फरवरी को शाम 4 बजे रंग गुरुकुल के द्वारा नुक्कड़ नाटक “लो आई  वापस सोने की चिड़िया” की प्रस्तुति गांधी मैदान , पटना में की गई। रंग गुरूकुल (रंगमंडल)भी जन भारत रंग कार्यक्रम में आज शाम 4:00 बजे  गांधी मैदान, पटना में किया गया ।इस नाटक को ऑनलाइन  यू ट्यूब एवम् फेस बुक पेज पर लाईव दिखाया गया । नाटक मूलतः हमारे नाट्यशास्त्र पे आधारित है जिसमे वशुधेव कुटुम्बकम के बारे में बताया गया कि नाटक में कौन कौन सी कलायें होती है और हमारे भारत में एक ऋषि होते थे भरतमुनि जिन्होंने नाट्येकला कला के बारे में लिखा और हमड़े देश में संस्कार , सभ्यता, संस्कृति, कला आदि लिखा गया । जिसकी वजह से लोगो को ज्ञान मिलता है , ख़ुशी मिलती है , हर्ष मिलता है । समाज में नाटक का योगदान रहा और रहेगा । इस नाटक में G20 के बारे में भी बताया गया जिस्म वन अर्थ , वन फ़ैमिली जो की हज़ारो साल पहले महा उपनिषद में कहा गया था “वशुधेव कुटुम्बकम “ यानी की वन अर्थ , वन फ़ैमिली । इस नाटक के ज़रिए लोगो को जागरूक किया गया है ताकि लोग अपनी सभ्यता अपनों सांस्कृति को ना भूले और इसे जान कर अपने आने वाली पीढ़ी को भी जागरूक करे और अपने समाज और अपने देश को एक विकसित भारत और आत्मनिर्भर बन कर हम पूरे देश में विश्वगुरु बन कर अपनी पहचान बनाये । रंग गुरुकुल संस्था ने इसे बख़ूबी इस नाटक के माध्यम से लोगो को जागरूक किया और समाज और देश की सभ्यता को नाटक के माध्यम से दिखाने में सफल रहा । और रंग गुरुकुल के सभी कलाकारों ने भी अपनी भूमिका और अपनी आंगिक वाचिक से लोगो को काफ़ी मनोरंजन किया ।

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