बिहार में नई सरकार की गठन हो गई है। सीएम नीतीश कुमार के साथ 26 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है। सभी मंत्रियों को उनका विभाग मिल गया है। धीरे धीरे सभी मंत्री अपना विभाग संभाल रहे हैं। इसी कड़ी में नीतीश कैबिनेट में पहली बार मंत्री बनी श्रेयसी सिंह ने भी अपना पदभार संभाल लिया है। श्रेयसी सिंह को नीतीश कैबिनेट में सूचना प्रावैधिकी और खेल मंत्रालय मिला है। श्रेयसी सिंह ने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। पदभार संभालते हुए श्रेयसी सिंह ने कहा कि, एक तरफ खुशी है कि भाजपा और एनडीए के शीर्ष नेतृत्व ने भरोसा जताया है तो वहीं दूसरी ओर इस बात का एहसास भी है कि जिस विभाग का मैंने आज पदभार ग्रहण किया है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार का प्रिय विभाग है। हम भरोसा दिलाते हैं कि हम पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। हर काम चुनौती होती है हमें चुनौतियों से डर नहीं लगता हम डटकर सामना करना जानते हैं। श्रेयसी सिंह ने कहा कि, वे खेल से जुड़ी थी तो उन्हें इस विभाग और खिलाड़ियों को होने वाली परेशानी से अवगत हैं और वो उनकी हर परेशानियों को दूर करेंगी। उन्होंने कहा कि वे ब्लू प्रिंट बनाएंगी और उसके अनुसार काम करेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार की खिलाड़ियों के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। श्रेयसी सिंह का राजनीतिक सफर किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। जमुई जिले के गिद्धौर से ताल्लुक रखने वाली श्रेयसी का परिवार राजनीति और खेल दोनों क्षेत्रों में मजबूत पहचान रखता है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी हैं, जबकि मां पुतुल कुमारी भी सांसद रह चुकी हैं। दादा कुमार सुरेंद्र सिंह नेशनल राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। खेल के मैदान पर श्रेयसी ने बेहद कम उम्र में भारत का नाम रोशन किया। डबल ट्रैप शूटिंग की विशेषज्ञ श्रेयसी ने 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता। 2014 एशियन गेम्स में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज उनके खाते में गया। इसके लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2024 पेरिस ओलंपिक्स में वे बिहार की पहली शूटर के रूप में शामिल हुईं। हाल ही में 61वीं नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। खेल से राजनीति की ओर उनका सफर 2020 में शुरू हुआ, जब उन्होंने बीजेपी जॉइन की। जमुई विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ते हुए उन्होंने आरजेडी के विजय प्रकाश को 41,000 से ज्यादा वोटों से हराया। 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी जीत और भी बड़ी रही 54,498 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से। उन्होंने आरजेडी के मोहम्मद शमशाद आलम को करारी शिकस्त दी।
