बिहार के सीमांचल इलाके के लिए बड़ी खुशखबरी है। वर्षों से अधर में लटका पूर्णिया एयरपोर्ट अब हकीकत बनने की ओर है। निर्माण कार्य तेजी से जारी है और टर्मिनल बिल्डिंग के 75% हिस्से का काम पूरा हो चुका है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को हवाई सेवा का उद्घाटन करने पूर्णिया पहुंच सकते हैं। बता दें कि, पूर्णिया एयरपोर्ट की योजना 2015 में उड़ान योजना के तहत बनाई गई थी लेकिन जमीन अधिग्रहण और अन्य तकनीकी कारणों से यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक रुका रहा। अब पोर्टा केबिन से बन रहे टर्मिनल, बाउंड्री वॉल, और गुवासी से एयरपोर्ट तक फोरलेन सड़क का निर्माण अंतिम चरण में है। एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी के सीनियर मैनेजर ओंकार नाथ सुमन के मुताबिक, 15 अगस्त तक सभी जरूरी काम पूरे करने का लक्ष्य है। अगर मौसम ने साथ दिया तो समय पर पोर्टा केबिन, सड़क और बाउंड्री वॉल का निर्माण हो जाएगा। हालांकि, गुवासी से पूर्णिया शहर को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। जिससे 15 अगस्त की डेडलाइन पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, वीआईपी लाउंज के निर्माण के लिए भी नई निविदा निकाली गई है, जो उद्घाटन की तैयारी को लेकर प्रशासन की सक्रियता को दर्शाता है। जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार और कमिश्नर राजेश कुमार खुद निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। डीएम ने बताया कि एयरपोर्ट को चार मार्गों हरदा, सतकोदरिया, चूनापुर डीएवी और एक नए मार्ग से जोड़ा जा रहा है। कुछ सड़कों के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं और जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है। राज्य की मंत्री लेसी सिंह ने भी भरोसा जताया है कि एयरपोर्ट का काम अगस्त तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पीएम का समय मिला तो सितंबर से हवाई सेवा शुरू हो सकती है। इससे सीमांचल के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। पूर्णिया एयरपोर्ट के चालू होने से अररिया, किशनगंज और कटिहार जैसे जिलों को भी फायदा होगा। यह न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी में इजाफा करेगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के लिहाज़ से यह प्रोजेक्ट सीमांचल के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा होता है और पीएम मोदी उद्घाटन के लिए आते हैं तो पूर्णिया को एक नई पहचान और राष्ट्रीय स्तर पर विशेष स्थान मिल सकता है। लेकिन अगर काम में देरी हुई तो स्थानीय लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है। फिलहाल प्रशासन और निर्माण एजेंसियों पर भारी दबाव है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि तय वक्त पर पूर्णिया का एयरपोर्ट उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा।
