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बिहार के इन 15 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करेगा चुनाव आयोग, नोटिस जारी कर दिया अल्टीमेटम

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज है। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों पर नकेल कस रही है। इसी कड़ी में प्रदेश में 15 राजनीतिक दलों पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इन राजनीतिक पार्टियों पर पंजीकरण रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है।  दरअसल, बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है। चुनाव आयोग ने राज्य के 15 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सख्त नोटिस जारी करते हुए पूछा है “कारण बताओ कि तुम्हें सूची से बाहर क्यों न कर दिया जाए।” मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) ने इन दलों को अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया है। मालूम हो कि, इससे पहले बिहार के 17 गैर-मान्यता प्राप्त दलों का नाम आयोग की सूची से हटा दिया गया था और उनकी सभी सुविधाएं बंद कर दी गई थीं। यही कार्रवाई देशभर में 334 दलों पर हो चुकी है, जिससे गैर-मान्यता प्राप्त दलों की संख्या घटकर 2854 से 2520 रह गई है। चुनाव आयोग के अनुसार, नोटिस पाए दलों ने 2019 से अब तक किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया और इनके दफ्तर पंजीकृत पते पर नहीं मिले। ऐसे में मानदंड पूरे न करने वालों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। अगर ये दल 30 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, तो इनका नाम भी सूची से हटा दिया जाएगा। भारतीय बैकवर्ड पार्टी (पटना), भारतीय सुराज दल (पटना), भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक) (पटना), भारतीय जनतंत्र सनातन दल (बक्सर), बिहार जनता पार्टी (सारण), देसी किसान पार्टी (गया), गांधी प्रकाश पार्टी (कैमूर), हमदर्दी जन संरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जन सेवक) (बक्सर), क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी (पटना), क्रांतिकारी विकास दल (पटना), लोक आवाज दल (पटना), लोकतांत्रिक समता दल (पटना), नेशनल जनता पार्टी (इंडियन) (वैशाली), राष्ट्रवादी जन कांग्रेस (पटना), राष्ट्रीय सर्वांदय पार्टी (पटना), सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी (पटना), व्यवसायी किसान एवं अल्पसंख्यक मोर्चा (जमुई)।

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