पटना- देशी उत्पादों एवं व्यंजनों का क्रेज बिहार सरस मेला में देखते ही बन रहा है l सदियों पुराने गृह सज्जा की वस्तुएं , परिधान एवं व्यंजन की बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री हो रही है l हमारे देश की लोक संस्कृति, परम्परा, लोक कला , लोक गीत , लोक नृत्य, संवाद और व्यंजन पुराने एवं देशी अंदाज में प्रदर्शित हैं l बिहार समेत 22 राज्यों के ग्रामीण शिल्पकार पचास और साठ के दशक की लोक कलाएं, हस्तशिल्प , परम्परा, स्वाद , संवाद एवं व्यंजन लेकर उपस्थित हैं l बक्सर जिले से आई श्रीमती पार्वती देवी ने महज पांच दिनों में लगभग 60 हजार रुपये का देशी कम्बल की बिक्री की है l पार्वती देवी महादेव जीविका महिला स्वयं सहायता समूह से जुडी हैं l जीविका के संबल एवं सहयोग से पार्वती देवी कम्बल भेंड के बाल से चरखा से निर्मित उन से कंबल का निर्माण करती हैं l पिछले 5 साल से वो सरस मेला में देशी कम्बल को बिक्री के लिए लेकर आती हैं और उनके उत्पाद शुरू के 5 दिनों में ही बिक जाती है l देशी उन के उत्पाद इनके पास 1 सौ रूपया से लेकर 700 रूपया तक की कीमत के है l देशी अंदाज में चरखा एवं हाथ से बने उत्पादों की मांग सरस मेला में जबरदस्त है l कमोवेश सभी स्टाल पर देशी उत्पादों, शिल्प एवं व्यंजनों की मांग प्रतिदिन बढती जा रही है l
बिहार सरस मेला के प्रति आम से लेकर खास तक का आकर्षण है l प्रति दिन नामचीन लोग भी पधार रहे हैं और मेला का अवलोकन करते हुए खरीददारी भी कर रहे हैं l श्री तेजप्रताप यादव, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन भी सरस मेला में पधारे l माननीय मंत्री जी ने मेला में लगे स्टॉल का परिभ्रमण किया और शिल्पकारों की हौसलाफजाई की l
बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका के तत्वाधान में बिहार सरस मेला 15 से 29 दिसंबर 2023 तक गाँधी मैदान, पटना में सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक आयोजित है lबिहार सरस मेला के पांचवे दिन दिन मंगलवार 19 दिसंबर को लगभग 90 लाख रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई l5 दिनों में 3 करोड़ रुपये से ज्यादा के उत्पादों की खरीद-बिक्री हुई है l खरीद –बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आंकड़ो पर आधारित होता है l ढाई लाख से ज्यादा लोग पधारे lसरस मेला में विभिन्न स्टॉल पर सिल्क एवं कड़ी की साड़ियाँ, सूट, लहठी, चूड़ियां, खादी के परिधान , सीप,कास्यं, पीतल, पत्थर,घास एवं जुट आदि से बनी कलाकृतियाँ, टेराकोटा, लकड़ी से फर्नीचर, झूले, दरी-कालीन, चादर और बचपने के खिलौने आदि आगंतुकों को लुभा रहे हैं lओपन एरिया में गर्म कपड़ों के निर्माण की प्रकिया का जीवंत प्रदर्शन जारी है lदीदियों द्वारा संचालित मधुग्राम से मध् एवं शिल्पग्राम उत्पादक कम्पनी के स्टॉल से बड़े पैमाने परिधानों एवं हस्तशिल्प की प्रदर्शनी एवं बिक्री हो रही है l
इसके साथ ही सेमिनार , सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया lसेमीनार हॉल में जीविका के सामाजिक विकास विधा द्वारा ग्राम समृद्धि उत्प्रेरक योजना पर कार्यशाला का आयोजन किया गया l इस कार्यशाला में गाँव में गरीबी उन्मूलन एवं खुशहाली के लिए जीविका द्वारा किये जा रहे कार्यों पर चर्चा हुई l साथ ही गरीबी उन्मूलन के लिए बने जा रही योजनाओं पर सभी जिलों से आये सामाजिक विकास प्रबंधकों को प्रशिक्षण दिया गया l बतौर प्रशिक्षक श्री नीरज कुमार सिंह, परियोजना प्रबंधक, सामाजिक विकास ने प्रबंधकों को योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर उत्प्रेरित किया l इस अवसर पर श्री जीतेन्द्र तिवारी , युवा पेशेवर, सामाजिक विकास भी उपस्थित रहे l
बुधवार को विशेष तौर पर सामाजिक विकास विधा , जीविका द्वारा महिलाओं के प्रति लिंग हिंसा और भेद के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से सरस मेला परिसर के मुख्य सांस्कृतिक मंच पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजना किया गया l इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्रीमती स्मृति शरण, संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास विभाग , भारत सरकार ने सभी को शपथ दिलाया और मेला में लगे स्टॉल का परिभ्रमण किया lइससे पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर सुशीला श्रीकला के कलाकारों ने लोक गीत एवं गजल की प्रस्तुति की l लोक गायिका श्रीमती चैताली दास ने “दिन भर जहाँ रहिह हमार पिया” लोक गीत गाकर शमा बांधा वहीँ एवं गायक शक्ति पाठक ने गजल पेश किया l “वक्त का परिंदा रुका है कहाँ” एवं ‘मेरा ख़त पढ़कर हैरत है सबको” से वाहवाही लुटी l मंच संचालक श्री गुलाम रहे l इसके पूर्व महिला एवं बाल विकास निगम के तत्वाधान में मंथन कला परिषद् के कलाकारों द्वारा नाटक बेटी बहादुर की प्रस्तुति की गई l नाटक के माध्यम से दहेज़ उन्मूलन अभियान के प्रति दर्शकों को जागरूक किया गया l कलाकारों में पूजा, अंजलि, रजनीकांत , रोहन, दीना नाथ, सज्जाद , अमन एवं प्रशांत आदि रहे l नाटक के निर्देशक प्रमोद कुमार रहे l तत्पश्चात जैक गिटार क्लासेस द्वारा पुराने फ़िल्मी गानों को आधुनिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से पेश किया गया l इसके बाद कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वाधान में लोक गीत एवं भजन का कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई l कलाकारों में रिंकी कुमारी और अमरनाथ ने अपने गायन से लोक गीतों एवं परम्पराओं की याद ताज़ा कराई lविभिन्न विभागों एवं बैंकों के स्टॉल के माध्यम से आगंतुकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है l
बच्चे फन जोन एवं पालना घर में खेलते हुए आनंदित हो रहे हैं lजीविका दीदियों द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से आगंतुकों एवं स्टॉल धारकों के लिए ग्राहक सेवा केंद्र की भी उपलब्धता है lबिहार सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ ही सतत जीविकोपार्जन योजना के बिहार में सफल क्रियान्वयन की झलक दिखेगी । अत्यंत गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान की बानगी भी सतत जीविकोपार्जन योजना समेत लगभग सभी स्टॉल पर प्रदर्शित हो रही है ।बाइस्कोप आकर्षण का खास केंद्र बना हुआ है l देश सेल्फी जोन पर सेल्फी लेना लोग नहीं भूल रहे हैं lसरस मेला में स्वच्छता का खास ध्यान रखा गया है lसाथ ही मेला परिसर में सिंगल युज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं l