पटना में बिहार स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। करीब 20–25 उम्मीदवार बोर्ड ऑफिस गेट के बाहर जमा हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि बोर्ड लगातार उन्हें गुमराह कर रहा है और उनकी आपत्तियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। छात्रों की मुख्य मांग रिवाइज्ड आंसर-की जारी करने, स्पष्ट नोटिफिकेशन देने और आउट ऑफ सिलेबस पूछे गए सवालों पर ग्रेस मार्क्स देने की है। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी ‘हमारी मांगें पूरी करो’, ‘STET होश में आओ’ और ‘गुमराह करना बंद करो’ जैसे नारे लगा रहे थे। मौके पर मौजूद कॉमर्स की छात्रा ज्योति ने बताया कि बोर्ड बार-बार केवल डेट बढ़ा रहा है, लेकिन न तो रिवाइज्ड आंसर-की जारी हो रही है और न ही कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन। उन्होंने कहा कि परीक्षा में 21 सवाल आउट ऑफ सिलेबस पूछे गए, जिसके कारण कई छात्रों के नंबर प्रभावित हुए हैं। ऐसे में ग्रेस मार्क्स देना जरूरी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे बार-बार आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं की जा रही। 27, 28 और 29 नवंबर को भी उन्होंने बोर्ड कार्यालय का घेराव किया था, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसी वजह से अभ्यर्थियों में नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जारी की गई आंसर-की में कई त्रुटियां हैं। कई सवालों के उत्तर गलत दिए गए हैं, जिससे हजारों छात्रों के रिजल्ट पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड को चाहिए कि जल्द से जल्द आपत्तियों की जांच कर रिवाइज्ड आंसर-की जारी करे, ताकि आगे की प्रक्रिया में देरी न हो। इधर, अभ्यर्थियों का आंदोलन और व्यापक होने जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आज का विरोध पिछले दिनों की तुलना में बड़ा होगा। कई जिलों से छात्र पटना पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक रिवाइज्ड आंसर-की जारी नहीं की जाती और नोटिफिकेशन की टाइमलाइन स्पष्ट नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन की ओर बढ़ेंगे। फिलहाल बोर्ड की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिसके कारण छात्रों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
