बेगूसराय (बी के गुलशन)
लाल झंडा के प्रति कामरेड जेपी का समर्पण हमेशा यादगार रहेगा-वामदल
16 अप्रैल को होगा श्रद्धांजलि सह संकल्प सभा।
बेगूसराय!कामरेड जयप्रकाश सिंह (जेपी)का निधन कल 5 अप्रैल को हो गया। हाल के दिनों कुछ समय से असाध्य रोग से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर सुनकर भाकपा माले के नेता चन्द्रदेव वर्मा,नवलकिशोर,बैजू सिंह,प्रमोद कुमार सिंह,भाकपा नेता अनिल अंजान,रामप्रवेश सिंह,हरेराम सिंह,विजय सिंह,देवेन्द्र सिंह,रामसुन्दर सिंह,रमेश सिंह,अनिल सिंह,पूर्व सरपंच शंभू कुमार ई हरिशंकर सिंह माकपा के सुरेश यादव,उचित यादव,तरूण कुमार,राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक दशरथ सिंह,जेपी जी के छोटे भाई अशोक सिंह,शिक्षक राजेंद्र सिंह समेत बड़ी तादाद में वामपंथ से जुड़े कार्यकर्त्ता और उनके शुभचिंतक उनके घर रामदीरी नकटी टोल पहुंच पार्थिव शरीर पर लाल झंडा देकर फूल माला अर्पित कर कामरेड जेपी अमर रहे,कामरेड जेपी को लालसलाम के नारों के साथ अलविदा कहा। तथा परिजनों के प्रति सान्त्वना व्यक्त किए।लगभग 77वर्षीय कामरेड जेपी 1967 के छात्र आंदोलन में सक्रिय थे उसी दौरान नक्सलबाड़ी विद्रोह से प्रभावित हो बेगूसराय में भाकपा माले के संस्थापक कामरेड कमलेश्वरी राय उर्फ नेताजी के संपर्क में आये और नूतन पुस्तक भंडार से छात्र-युवाओं की टोली के साथ लाल झंडे को थाम राजनीतिक संघर्ष में शामिल होकर वामपंथ विरोधी विचारों से टकराते रहे। 80 के दशक में जब आईपीएफ बना तब उन्हें संगठन ने बेगूसराय शहर का सचिव बनाए गए। तो उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया। जीवन के अंतिम क्षण तक भाकपा माले और लाल झंडे प्रति उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। भाकपा माले सहित संपूर्ण वामपंथी परिवार उनके निधन पर शोकाकुल है।
