लालू यादव और परिवार पर आईआरसीटीसी मामले में आरोप तय कर दिए हैं. तो वहीं लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला टाल दिया है. इस मामले में 10 नवंबर को फैसला आ सकता है.सीबीआई ने कहा था कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. कुछ सेलडीड को छोड़कर, ज़मीन की खरीद के लिए ज़्यादातर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ है. जांच के बाद सीबीआई ने पिछले साल लालू प्रसाद, पत्नी राबड़ी देवी समेत 14 लोगों के खिलाफ जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने इस मामले में IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11, 12, 13, 8, 9 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. IRCTC मामले में में लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार किया. कहा- मुकदमे का सामना करेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार के लिए ये बड़ा झटका है. हालांकि लैंड फॉर जॉब मामले में फिलहाल के लिए राहत मिल गई है. लालू परिवार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में अगले कुछ दिनों बाद चुनाव होने वाले हैं. इस पहले IRCTC मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं. अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा भी नहीं हो पाया है. ऐसे में कोर्ट का फैसला आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. लालू यादव साल 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप है कि इस पद पर रहते हुए लालू ने कई लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी थी. इस नौकरी के बदले लोगों से जमीन ली गई थीं. इसके साथ-साथ पैसा भी लिया गया था. आरोप पत्र के अनुसार कुल जमीन का रकबा 1,05,292 वर्ग फुट बताया गया है. लालू के कार्यकाल में जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्हें अलग-अलग जोन में तैनाती दी गई थी. पूरे मामले में पहले बार साल 2021 को केस दर्ज किया गया था, जिसे 8 मई 2022 को प्राथमिकता में बदला गया था. लालू यादव पहले ही चारा घोटाले में कई बार जेल जा चुके हैं. ऐसे में एक और केस की सुनवाई शुरू होना पूरे परिवार के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
