पटना |आज जगत ट्रेड सेंटर स्थित एनजीओ हेल्पलाइन हेल्पलाइन सूचना शक्ति में भारत में युवाओं को डिजिटल नेतृत्व, तकनीकी कौशल तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल आरंभ हुई है। एनजीओ हेल्प (सूचना–शक्ति) के संस्थापक एवं निदेशक सी.ए. संजय कुमार झा द्वारा परिकल्पित एवं निर्मित “डिजिटल युवा जेन–जी विज़न” राष्ट्र के युवाओं को भविष्य के तकनीकी युग का नेतृत्वकर्ता बनाने का मार्ग–चित्र प्रस्तुत करता है। यह संपूर्ण परियोजना प्रेम युवा फाउंडेशन के सहयोग से समाज और शिक्षा जगत में लागू की जा रही है। इस डिजिटल युवा जेन–जी विज़न: भविष्य के भारत का राष्ट्रीय मॉडल पेश करते हुए सीए संजय कुमार झा ने कहा कि यह राष्ट्रीय अवधारणा चार प्रमुख तकनीकी आधारों पर निर्मित है ! यह आधार डिजिटल माध्यम – कृत्रिम बुद्धिमत्ता वस्तुओं का इंटरनेट — रोबोटिकी इनके माध्यम से युवाओं को स्वर, शक्ति, सामर्थ्य, नेतृत्व और नवजागरण प्रदान करने का लक्ष्य है। स्वर मॉडल पेश करते हुए,सीए. संजय कुमार झा द्वारा विकसित स्वर मॉडल युवाओं के समग्र विकास का आधार है ,कौशल शक्ति , दृष्टिकोण शक्ति , कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा स्वचालन सामर्थ्य , जिम्मेदारी और नवजागरण ! स्वर मॉडल को भारत के युवा नेतृत्व का भविष्य राष्ट्रीय मॉडल माना जा रहा है। इस आधार पर डिजिटल माध्यम + कृत्रिम बुद्धिमत्ता + वस्तुओं का इंटरनेट + रोबोटिकी के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाया जा सकता है ! सीए झा ने डिजिटल माध्यम → आवाज़ और पहचान वीडियो चैनल, सामाजिक डिजिटल मंच, वेबसाइटें एवं पोर्टल युवाओं को ज्ञान, नेतृत्व और उद्यमिता प्रदान करते हैं। वस्तुओं का इंटरनेट → व्यावहारिक स्मार्ट प्रशिक्षण स्मार्ट खेती, स्मार्ट स्वास्थ्य, स्मार्ट गाँव, स्मार्ट ऊर्जा आदि क्षेत्रों में तकनीकी अभ्यास करके युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं ! उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता → बुद्धि + नवाचार से तेज़ निर्णय क्षमता, समस्या समाधान, भविष्य दृष्टि तथा उद्यम अवसर- कृत्रिम बुद्धिमत्ता युवाओं को सौ गुना अधिक सक्षम बनाती है। रोबोटिकी → साहस + तकनीकी सृजन मशीन निर्माण, नये उत्पाद विकास तथा उद्योग 4.0 कौशल युवाओं को तकनीकी कर्मवीर बनाती है ! सीए संजय कुमार झा ने डिजिटल युवा जेन–जी मॉडल की 8-स्तरीय व्यवस्था द्वारा तैयार यह मॉडल युवाओं के सम्पूर्ण विकास की योजना स्वरूप , डिजिटल शिक्षा योजना (कृत्रिम बुद्धिमत्ता–वस्तुओं का इंटरनेट–रोबोटिकी प्रशिक्षण) , डिजिटल नेतृत्व प्रशिक्षण , जेन–जी प्रयोगशाला (गाँव स्तर पर AI प्रयोगशालाएँ) , डिजिटल उद्यमिता समर्थन , स्मार्ट गाँव कार्यक्रम , कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सुशासन जागरूकता , डिजिटल सेवा केंद्र और डिजिटल संवाद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का समेकित कार्य करेगा ! अंतिम उद्देश्य बताते हुए सीए. संजय कुमार झा ने कहा कि “हर भारतीय युवा को डिजिटल, वैदिक, तकनीकी और नेतृत्व–सम्पन्न बनाकर भारत को पुनः विश्व–गुरु बनाना है ।”
