पटना संवाददाता आधुनिकता के इस दौर में सदियों पूरानी ग्रामीण शिल्प, हस्तकला एवं कलाकृतियों का क्रेज बिहार सरस मेला में देखने को मिल रहा हैं l आम से लेके खास तक अपने घर – दुकान के साज-सज्जा हेतु लिए ग्रामीण महिला उद्धमियों द्वाएवं स्वरोजगारियों द्वारा रा निर्मित उत्पाद एवं व्यंजनों की जमकर खरीददारी कर रहे हैं l और यही वजह है कि मेला में खरीद-बिक्री का आंकड़ा उतरोत्तर वृद्धि कर रहा है l
बिहार सरस मेला के चौथे दिन सोमवार 18 दिसंबर को लगभग 94 लाख 56 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई l महज 4 दिनों में लगभग 2 करोड़ 15 लाख रुपये के उत्पादों की खरीद-बिक्री हुई है l खरीद –बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आंकड़ो पर आधारित होता है l अनुमानत: मेला के चौथे दिन तक 2 लाख से ज्यादा लोग आये l बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका के तत्वाधान में बिहार सरस मेला 15 से 29 दिसंबर 2023 तक गाँधी मैदान, पटना में सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक आयोजित है l बिहार समेत 22 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण महिला उद्यमी अपने-अपने प्रदेश की हस्तशिल्प, लोक कला , संस्कृति एवं व्यंजनों का प्रदर्शन एवं बिक्री कर रही है l जीविका दीदियों द्वारा संचालित मधुग्राम से मध् एवं शिल्पग्राम उत्पादक कम्पनी के स्टॉल से बड़े पैमाने परिधानों एवं हस्तशिल्प की प्रदर्शनी एवं बिक्री हो रही है l
व्यंजन परिसर में जीविका दीदी की रसोई के साथ ही व्यंजनों के विभिन्न स्टॉल पर शुद्ध, देशी एवं पौष्टिक व्यंजन का लुत्फ़ आगंतुक उठा रहे हैं l मक्के की रोटी , चने की साग, बरा मिठाई, खाझा , नीरा स्टॉल पर खजूर से बने बर्फी और गुलब जामुन, इमरती , आंवले ला लड्डू, बालूशाही, सहजन एवं मशरूम समेत अंत पारम्परिक अचार, तीसी के लड्डू, गुड़ का लड्डू और मछली तथा झींगा से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की खूब खरीद-बिक्री हो रही है l खादी, सिल्क एम् मलबरी से बने परिधान , कपड़े , साडी , दुपट्टा, पेटीकोट , ब्लाउज चादर, सोफा एवं टेबल कवर, तकिया आदि के प्रति आगंतुकों का क्रेज देखते ही बन रहा है l इसके साथ कालीन, रनर, आसनी, सजावट के सामान , पावदानी भी खूब बिक रहे हैं l टेराकोटा से बने घर- दुकान सजावट के उत्पाद , चीनी मिटटी एवं सेरामिक से बने किचेन के उत्पाद ग्रहणियों के लिए पहली पसंद बने हुए हैं l लाह से बनी चूड़ियों के निर्माण का जीवंत प्रदर्शन एवं आगंतुकों के मन माफिक डिज़ाइन एवं साइज़ में लहठी एवं चूड़ी का जीवंत निर्माण एवं बिक्री जारी है l मुज्जफरपुर से आई कुरैशा खातून लाह की लहठी एवं चूड़ियों का निर्माण कर रही हैं l कुरैशा जी वर्ष 2019 से सहारा जीविका महिला स्वयं सहायता समूह से जुडी हैं l समूह से दस हजार रूपया ऋण लेकर इन्होने चूड़ी निर्माण शुरू किया था l अब वो स्थानीय स्तर पर तो चूड़ी एवं लहठी की बिक्री करती ही हैं रास्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित विभिन्न मेला एवं प्रदर्शनियों में भी चूड़ी एवं लहठी की बिक्री कर रही हैं l जीविका के संबल एवं सहयोग से अब वो कुशल उद्यमी के तौर पर राष्ट्रीय पटल पर जाना- पहचाना चेहरा हैं l अब वो चूड़ी एवं लहठी निर्माण का प्रशिक्षण भी देती हैं l इसके साथ ही प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, परिचर्चा, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक सरस मेला परिसर में आयोजित हैं ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर सुशीला श्रीकला के कलाकारों ने लोक गीत एवं गजल की प्रस्तुति की l लोक गायिका गुडिया गिरी एवं गायक शिवम् सागर द्वारा लोक गीत की प्रस्तुति की गई l “कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया” एवं “जइसन सोचले रहनी वईसन धनिया मोर बाड़ी –सांवर ना गोर बाड़ी हो “समेत कई गीतों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झुमाया l मंच संचालक श्री गुलाम रहे l इसके पूर्व महिला एवं बाल विकास निगम के तत्वाधान में मंथन कला परिषद् के कलाकारों द्वारा नाटक बेटी बहादुर की प्रस्तुति की गई l नाटक के माध्यम से दहेज़ उन्मूलन अभियान के प्रति दर्शकों को जागरूक किया गया l कलाकारों में पूजा, अंजलि, रजनीकांत , रोहन, दीना नाथ, सज्जाद , अमन एवं प्रशांत आदि रहे l नाटक के निर्देशक प्रमोद कुमार रहे l तत्पश्चात कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वाधान में लोक गीत एवं सुगम संगीत का कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई l कलाकारों में श्वेता और निशा ने लोक गीत एवं सुगम गीत के तहत “ए भैया हमके पढाई द , समाज में मान-सम्मान बढाई द” जैसे लोक गीतों ने पुराने संस्कृति की यादें ताजा कराई l

सेमिनार हॉल में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा सहकारी आन्दोलन में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के योगदान पर चर्चा हुई l इस कार्यक्रम में श्वेता खुज्जुर द्वारा सहकारी आन्दोलन के विषय वस्तु और उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला l दुसरे पहर में जीविका द्वारा ज्ञान एवं कौशल का समागम का आयोजन किया गया l इस कार्यक्रम के तहत जीविका के रोजगार थीम द्वारा रोजगार प्राप्त युवक-युवतियों ने अपना अनुभव बताया l युवक-युवतियों के बीच क्विज कार्यक्रम भी आयोजित किया गया l इस कार्यक्रम में रूचि सिंह, राज्य परियोजना प्रबंधक, नजिस बानो , राज्य परियोजना प्रबंधक और अरविन्द कुमार उपस्थित रहे l कार्यक्रम के अंत में रोजगार प्राप्त युवक-युवतियों को रंजित कुमार, मुख्य वित्त अधिकारी, जीविका ने प्रमाण –पत्र वितरित किया l मंच संचालन शुभांगी , युवा पेशेवर , जीविका ने किया l विभिन्न योजनाओं के प्रति आगंतुकों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों एवं बैंकों के स्टॉल भी सुशोभित हैं । बच्चों के लिए फन जोन एवं पालना घर सजाये गए हैं l आगंतुकों के लिए सरस मेला परिसर में कैशलेश खरीददारी की भी व्यवस्था की गई है l जीविका दीदियों द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से आगंतुकों एवं स्टॉल धारकों के लिए ग्राहक सेवा केंद्र की भी उपलब्धता है l
बिहार सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ ही सतत जीविकोपार्जन योजना के बिहार में सफल क्रियान्वयन की झलक दिखेगी । अत्यंत गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान की बानगी भी सतत जीविकोपार्जन योजना समेत लगभग सभी स्टॉल पर प्रदर्शित हो रही है । बाइस्कोप के प्रति भी लोगों का क्रेज देखते ही बन रहा है l सरस मेला परिसर में बने देशी सेल्फी ज़ोन सहज ही लोगों को आकर्षित कर रहे हैं l सरस मेला में स्वच्छता का खास ध्यान रखा गया है l साथ ही मेला परिसर में सिंगल युज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं ।