पटनाः बिहार के होनहार युवा डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने हाल ही में चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। उन्होंने बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (B.E.M.S.) का शैक्षिक कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह कोर्स हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सर्टिफिकेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अंतर्गत होता है, जो भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रसार में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
इसके अलावा, डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली से कम्युनिटी मेडिकल सर्विस और आवश्यक दवाओं (CMS & ED) में डिप्लोमा भी हासिल किया है। यह कोर्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 1978 में USSR के अल्मा अता घोषणा पत्र के अनुरूप तैयार किया गया है, जो 24 महीने की अवधि का एक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस कोर्स के सफल समापन के बाद, डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देना शुरू कर दी हैं और अब एक सफल डॉक्टर के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह का जन्म 3 अप्रैल 1997 को पटना, बिहार में हुआ था। उनका परिवार चिकित्सा क्षेत्र से गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है। उनके दादा, डॉ. अज़ीम, एक प्रसिद्ध डॉक्टर थे, जिन्होंने अपना जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया था। अपने दादा की इस महान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखा और अपनी मेहनत से अपार सफलताएँ प्राप्त कीं।
उनके पिता, मोहम्मद ज़ाकिर, एक सफल व्यवसायी हैं, जबकि उनकी माता, शहनाज़ जाकिर, एक गृहिणी हैं, जिन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा और परवरिश में विशेष योगदान दिया है। डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह को उनके मामा, स्वर्गीय डॉ. मोहम्मद इरशाद आलम से विशेष प्रेरणा मिली, जो होम्योपैथी के क्षेत्र में पटना के एक प्रसिद्ध डॉक्टर थे। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन ने डॉ. अब्दुल्लाह को चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखने की प्रेरणा दी।
डॉ. अब्दुल्लाह ने अपने अन्य मामा, मोहम्मद एजाज आलम और मोहम्मद शमशाद आलम, मोहम्मद नौशाद आलम एवम् नूर मोहम्मद, शम्स तबरेज का भी विशेष धन्यवाद व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी हर कदम पर सहायता की। डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, परिवार के सदस्यों, भाई-बहनों और मित्रों को दिया है, और उन्होंने सभी का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।
चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ, डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। वे एक अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता हैं और जापान से अंतरराष्ट्रीय ब्लैक बेल्ट धारक भी हैं। उनकी असाधारण खेल कौशल के चलते उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें अज़ीमाबाद पुरस्कार भी शामिल है, जो उन्हें माननीय सिक्किम के राज्यपाल द्वारा प्रदान किया गया था। हाल ही में, उन्हें बिहार के ट्रेडिशनल कराटे संघ (Traditional Karate Association of Bihar – TKAB) में संयुक्त सचिव और तकनीकी आयोग सचिव के रूप में भी चयनित किया गया है।
डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह की यह सफलता न केवल उनके परिवार और शहर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे बिहार और भारत के लिए भी गौरव की बात है। उनकी उपलब्धियाँ युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं और यह साबित करती हैं कि कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
उनकी इस सफलता पर पूरे राज्य में हर्ष की लहर है, और उन्हें बधाइयाँ देने वालों की कतार लगी हुई है। उनके परिवार के सदस्यों, मित्रों, शिक्षकों और सहयोगियों ने उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह ने इस अवसर पर अपने सभी शुभचिंतकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह भविष्य में भी अपने देश और समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
डॉ. मोहम्मद अब्दुल्लाह की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे बिहार और देश के लिए गर्व का विषय है। उनकी यह सफलता एक मिसाल है कि अगर इंसान में मेहनत, लगन और आत्मविश्वास हो, तो वह किसी भी मंजिल को पा सकता है। डॉ. अब्दुल्लाह निस्संदेह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।