बेतिया 20 अगस्त ( अनिसुल वरा )
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उर्दू निदेशालय, पटना के तत्वाधान में जिला उर्दू भाषा कोषांग, पश्चिम चंपारण, बेतिया द्वारा उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना अंतर्गत वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन समाहरणालय सभागार में आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण, दिनेश कुमार राय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम में जिला के विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक, इंटर तथा स्नातक में पढ़ने वाले उर्दू भाषा के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन बेतिया प्रखंड में पदस्थापित उर्दू अनुवादक मोहम्मद मोहियुद्दीन अशरफी ने किया।
उर्दू निदेशालय द्वारा इस प्रतियोगिता हेतु मैट्रिक/समकक्ष स्तर के विद्यार्थियों के लिए नज़्म और रुबाई:-तारीफ व तौज़ीह, इंटर स्तर के लिए फन अफसाना निगारी:- एक जायज़ा तथा स्नातक स्तर के लिए नाविल निगारी:- आगाज़ व इरतक़ा विषयों पर छात्रों एवं छात्रओं ने बेहतरीन प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में सबसे पहले मैट्रिक/समकक्ष स्तर के कुल 32 छात्रों/छात्राओं ने निर्धारित विषय पर अपना-अपना पक्ष रखा, इसके बाद इंटर/समकक्ष स्तर के कुल 15 विद्यार्थियों ने उनके लिए निर्धारित विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उसके बाद स्नातक स्तर के कुल 24 विद्यार्थियों द्वारा निर्धारित विषय पर वाद-विवाद की प्रस्तुति दी गई। यह प्रस्तुति संध्या 4:20 तक चली।
विद्यार्थियों के प्रस्तुति के उपरांत इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के पांचों सदस्य क्रमश: श्री नसीम अहमद नसीम, श्री ज़ाकिर हुसैन ज़ाकिर, श्री सफदर हुसैन, श्री शमसुल हक़, एवं श्री शफी अहमद ने मंच पर आकर अपना-अपना मंतव्य दिया।
जिला पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण, ने अपने अभीभाषण में इस आयोजन के लिए सादिक अख्तर, भूमि सुधार उप समाहर्ता बेतिया सदर तथा उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी-सह-उर्दू अनुवाद पदाधिकारी, मोहम्मद आफताब आलम अंसारी को बधाई देते हुए कहा कि उर्दू निदेशालय द्वारा इस प्रकार के आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों को और वृहद तौर से आयोजित किया जाए तथा उन्होंने सभी उर्दू भाषी तबका को मुखातिब करते हुए कहा कि सैंकड़ो ऐसे लोग हैं जिन्हें उर्दू भाषा पूर्ण रूप से समझ में नहीं आती है लेकिन इसकी सुंदरता ऐसी है कि इसको सुनने में बहुत आनंद मिलता है तथा यह भाषा अमन और शांति का पैगाम देने वाली भाषा है।
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित उर्दू भाषा के विद्वानगण तथा इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र एवं छात्राओं उर्दू भाषा की प्रगति और विकास के लिये बिहार सरकार द्वारा वर्ष 1981 में एक अध्यादेश जारी कर के विशुद्ध भारतीय भाषा उर्दू को बिहार राज्य के लिए द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया एवं इसके विकास तथा प्रगति की समीक्षा हेतु राज्यस्तर पर उर्दू निदेशालय का गठन किया गया जिसके अधीन आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
उर्दू भाषा की सुन्दरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करोड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें उर्दू पूर्णतः समझ में नहीं आती है फिर भी इसे सुनना उन्हें पसंद है। इसकी शायरी उन्हें अपनी ओर खींचती है तथा इसके गजल पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया करते हैं।
उन्होंने कहा कि उर्दू निदेशालय इस भाषा के विकास हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती है जिसमें मुख्य रूप से प्रत्येक वर्ष इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करने के साथ प्रत्येक वर्ष एक पत्रिका-जिला उर्दू नामा का प्रकाशन, उर्दू मुशायरा आदि का आयोजन भी किया जाता है। वितीय वर्ष 2016-17 से लगातार इस प्रतियोगिता का आयोजन बिहार के सभी जिलो में किया जा रहा है, इसमें भाग लेने वाले विद्यार्थियों के प्रोत्साहन हेतु सरकारी स्तर से अच्छा प्रदर्षन करने वाले छात्रों को विभाग द्वारा निर्धारित सहायता राशि भी प्रदान की जाती है ताकि उनका उत्साहवर्धन किया जा सके। साथ ही अन्य छात्रों के लिये यह प्रेरणा भी हो ताकि वह उर्दू भाषा में रूचि लेकर इसे सीख सके।
उन्होंने कहा कि उपस्थित सभी उर्दू विद्वानों से यह उम्मीद करता हूं कि जिस प्रकार सरकारी स्तर से उर्दू भाषा की प्रगति और विकास के लिए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है आप उनसे लाभान्वित हों तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने में भी सहयोग प्रदान करें ताकि वैसे लोग जिन्हें इस प्रकार के कार्यक्रमों की जानकारी नहीं है, वो भी लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला में कार्यरत सभी उर्दू कर्मी उर्दू के विकास और उसके प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दें तथा अपने पदीय दायित्वों का निवर्हन पूरी तन्मयता से करें ताकि सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ योग्य लाभार्थियों तक पहुंचायी जा सके।
अंतिम में तीनों स्तर के प्रतिभागियों में से प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को जिला पदाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा मेडल देकर सम्मानित किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा संबोधन एवं प्रशस्ति पत्र वितरण के पश्चात सभी प्रतिभागियों के बीच *प्रतिभागिता प्रमाण पत्र* का वितरण अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता तथा उर्दू अनुवाद पदाधिकारी द्वारा किया गया।
सब से अंत में जिला उर्दू भाषा कोषांग पश्चिम चंपारण के प्रभारी पदाधिकारी श्री मोहम्मद आफताब आलम अंसारी द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारियों और श्री सादिक अख्तर, भूमि सुधार उप समाहर्ता बेतिया का विशेष शुक्रिया अदा करते हुए कहा गया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उनका योगदान काफी रहा है जिसके लिए उर्दू भाषा कोषांग और सभी उर्दू कर्मी उनके कृतज्ञ हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि उनके बैंक खातों में जल्द ही भेज दी जाएगी। अंत में उन्होंने जिला उर्दू भाषा कोषांग के उर्दू अनुवादक श्री अबुजर कमाल को भी इस सफल आयोजन के लिए विशेष धन्यवाद देने के साथ साथ जिला में पदस्थापित सभी उर्दू कर्मियों को मुबारकबाद देने के साथ सभा के समापन की घोषणा की।
इस प्रतियोगिता में मैट्रिक/समकक्ष स्तर में आलिया सबा ने, इंटर/समकक्ष स्तर में नाज़नी खातून ने तथा स्नातक स्तर में राबिया खातून ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में अपर समाहर्ता-सह जिला लोक शिकायत पदाधिकारी, अनिल कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, रामानुज प्रसाद सिंह, भूमि सुधार उप समाहर्ता बेतिया सदर, सादिक अख्तर अन्य अधिकारी सहित जिला में पदस्थापित ग़ुलाम मुस्तफा, उर्दू अनुवादक नरकटियागंज, अबूज़ैद, उर्दू अनुवादक बगहा अनुमंडल, संतोष कुमार, उर्दू अनुवादक मझौलिया, मो0 शमीम, सहायक उर्दू अनुवादक नरकटियागंज, हैदर रज़ा और गुलाम सरवर उच्च वर्गीय लिपिक उपस्थित थे।