विज्ञापन अब सिर्फ टीवी, अख़बार या होर्डिंग तक सीमित नहीं रहा। बिहार की धरती से एक नई सोच ने जन्म लिया है, जिसने हर रोज़ की चीज़ों को ब्रांडिंग का ज़रिया बना दिया है। नाम है *PackAd* — एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो *दूध के बोतलों, मिठाई के डिब्बों, चाय के कपों और खाने के पैकेटों को चलती-फिरती विज्ञापन जगह* में बदल रहा है। PackAd का इनोवेटिव मॉडल बेहद सीधा है – यह छोटे फूड वेंडर्स और दुकानदारों को मुफ्त, हाइजेनिक और आकर्षक पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध कराता है। बदले में इन पैकेजिंग पर छपे होते हैं विज्ञापन – जो हर दिन सैकड़ों लोगों तक पहुंचते हैं, बिना किसी अतिरिक्त वितरण खर्च के। इस पहल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि स्थानीय ब्रांड्स को मिल रही है ज़मीनी पहुंच और छोटे दुकानदारों को मिल रहा है बेहतर पैकिंग का साधन – वो भी बिना खर्च के। PackAd के संस्थापक कहते हैं, “हमने विज्ञापन को ऐसा माध्यम बना दिया है जिसे लोग सिर्फ देखें नहीं, इस्तेमाल भी करें। हमारी सोच है विज्ञापन छपना चाहिए, चलना चाहिए और घर-घर तक पहुँचना चाहिए। फिलहाल यह सेवा बिहार के कई शहरों में शुरू हो चुकी है और जल्द ही अन्य राज्यों में विस्तार की तैयारी है। PackAd बिहार की उस नई सोच का प्रतीक बन चुका है, जहाँ स्टार्टअप्स अब देश को दिशा देने लगे हैं।
