मोरहाबादी मैदान, रांची:
मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि वर्ष 2027 तक हमारी सरकार राज्य के 20 लाख आवास विहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराएगी। लक्ष्य के अनुरूप राज्य सरकार पात्र लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ देना प्रारंभ कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 3 महीने बाद 9 लाख पात्र आवास विहीन परिवारों को एक साथ अबुआ आवास योजना का लाभ देंगे। आज इस मंच से रांची, लोहरदगा एवं गुमला जिला के 24 हजार से ज्यादा की संख्या में लाभुक परिवारों को अबुआ आवास योजना का स्वीकृति पत्र देने के साथ-साथ पहली किस्त की राशि भी डीबीटी के माध्यम से भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की योजनाओं को पूर्ण रूप से धरातल पर उतरने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग-समुदायों के दुःख, दर्द को महसूस किया है, इन वर्ग-समुदायों की उम्मीद, आकांक्षा और जरूरत के अनुरूप योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों को अनुमंडल से जिला तक के आवागमन की सुविधा को सुलभ करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया है। आज इस योजना के अंतर्गत 83 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई गई है। शीघ्र ही 250 से अधिक गाड़ियां ग्रामीण इलाकों में अब दौड़ेंगी। मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत संचालित इन गाड़ियों में विद्यार्थी, आंदोलनकारी, दिव्यांग, वृद्धजन एवं विधवा माता-बहनें मुफ्त में सफर कर सकेंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज मोरहाबादी मैदान में आयोजित “अबुआ आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत पत्र वितरण समारोह एवं मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के शुभारंभ” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
अबुआ आवास योजना के 29 लाख आवेदन मिले, 20 लाख आवेदन पर स्वीकृति दी गई
मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में चलायी गई आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लगाए गए शिविरों में 29 लाख से अधिक अबुआ आवास योजना के आवेदन प्राप्त किए गए। राज्य सरकार ने 20 लाख अबुआ आवास योजना के आवेदनों पर स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासी, मूलवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग समुदाय की पीड़ा को हमारी सरकार ने समझा है। झारखंड खनिज संपदा वाला प्रदेश रहा है परंतु यहां की खनिज संपदाओं का लाभ दूसरे प्रदेशों के लोगों ने उठाया है। यहां के गरीब, मजदूर, किसान को खनिज संपदाओं के हक-अधिकार से दूर रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की खनिज संपदाओं का दुरुपयोग हुआ है। यहां की खनिज संपदाओं का लाभ राज्य की बुनियादी ढांचाओं को सुदृढ़ और मजबूत करने में नही मिला। झारखंड की संपदाओं से दूसरे राज्य रोशन हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का जब गठन हुआ तब झारखंड के आदिवासी मूलवासी सहित सभी वर्ग समुदाय की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति कैसी थी यह किसी से छुपा नहीं है। हमारी सरकार ने शुरुआती दिनों से ही इन स्थितियों को सुधारने का प्रयास कर रही है। एक-एक झारखंड वासियों को उनका हक-अधिकार देने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। सभी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है।