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अमेठी-रायबरेली कांग्रेस का गढ़ नहीं”: अखिलेश यादव के बयान से बढ़ सकती है कांग्रेस की नाराज़गी

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान से आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार को यहां अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इसका मतलब यह है कि सोनिया गांधी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. ऐसे में रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी को इस बार रायबरेली सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. इस बीच समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने यह कहकर विपक्षी गठबंधन की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ नहीं है. अखिलेश यादव ने कहा, “अमेठी-रायबरेली लोकसभा सीटें कांग्रेस का गढ़ नहीं हैं. समाजवादी पार्टी हमेशा से इन सीटों पर कांग्रेस की मदद करती रही है.” सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने और प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के सवाल पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमेठी-रायबरेली कांग्रेस की पारंपरिक सीट ज़रूर रही है, लेकिन वो कांग्रेस का गढ़ नहीं है. सपा-कांग्रेस में इंडिया अलायंस में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अटकी हुई है. इस बीच अखिलेश यादव के इस बयान से कांग्रेस की नाराज़गी ज़रूर बढ़ सकती है. रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली 77 वर्षीय सोनिया गांधी पहली बार 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद वहां से सांसद चुनी गई थीं. सोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा. अटकलें लगाई जा रही हैं कि सोनिया गांधी के इस बार चुनाव नहीं लड़ने के बाद उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं

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