भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की हवाई निगरानी और कमांड क्षमताओं को बड़ा बढ़ावा देते हुए AWACS इंडिया प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने लगभग 19,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एअरबस A321 विमान पर आधारित 6 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम वायुसेना में शामिल किए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व DRDO करेगा. एयरबस विमान उपलब्ध कराएगी और तकनीकी मदद देगी. भारत की कई सरकारी और निजी कंपनियां इसमें शामिल होंगी और सब-सिस्टम, सॉफ्टवेयर व ग्राउंड सपोर्ट बनाएंगी. इनकी संख्या कम होने की वजह से पूरे देश के हवाई क्षेत्र पर 24×7 निगरानी रखना मुश्किल है. लेकिन अब नए A321 आधारित AEW&C आने के बाद यह कमी पूरी हो जाएगी. भारत का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब चीन के पास 30 से अधिक AWACS विमान मौजूद हैं, जिनमें KJ-500 जैसे आधुनिक एयरबोर्न वार्निंग सिस्टम भारत की सीमाओं के बेहद नजदीक तैनात हैं. पाकिस्तान भी अपनी निगरानी क्षमता बढ़ाने में जुटा है. ऐसे में भारत का यह कदम सीधा संदेश है कि हमारी वायुसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. करीब तीन साल में इन विमानों का विकास और इंटीग्रेशन पूरा होगा. इसके बाद परीक्षण होंगे और फिर इन्हें वायुसेना में शामिल किया जाएगा. सरकार का यह फैसला सिर्फ 6 विमानों की खरीद नहीं है, बल्कि यह भारत की रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम है. इससे वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ेगी और भारत अपने पड़ोसी देशों पर लगातार नजर रख पाएगा.
