देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के केवडिया में एकता दिवस परेड का आयोजन किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एकता दिवस का महत्व 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसा ही है. आज हम एक ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे हैं. परेड के दौरान 26 जनवरी जैसी ही झांकियां निकाली गई. पीएम मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की एकता की नींव रखी. उन्होंने छोटे-छोटे स्वतंत्र प्रांतों तो जोड़कर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया. उनका ये योगदान हर भारतवासी के लिए एक प्रेरणा है. उनके लिए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का विज़न सर्वोपरि था.पीएम मोदी ने कहा कि आज करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली. हमने संकल्प लिया है कि हम ऐसे कार्यों को बढ़ावा देंगे जो राष्ट्र की एकता को मजबूत करें. हर नागरिक को ऐसे हर विचार या कार्य का त्याग करना चाहिए, जो हमारे राष्ट्र की एकता को कमजोर करता हो. यह हमारे देश के लिए समय की मांग है.” पीएम मोदी ने कहा कि हर ऐसी बात जो देश की एकता को कमजोर करती है. हर देशवासी को उससे दूर रहना है. ये राष्ट्रीय कर्तव्य है, ये सरदार साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है. यही आज देश की जरूरत है. यही आज एकता दिवस का हर भारतीय के लिए संदेश भी है, संकल्प भी है. आगे कहा कि सरदार साहब ने देश की संप्रभुता को सबसे ऊपर रखा,लेकिन दुर्भाग्य से सरदार साहब के निधन के बाद के वर्षों में देश की संप्रभुता को लेकर तब की सरकारों में उतनी गंभीरता नहीं रही. एक ओर कश्मीर में हुई गलतियां, दूसरी ओर पूर्वोत्तर में पैदा हुई समस्याएं और देश में जगह-जगह पनपा नक्सलवाद-माओवादी आतंक , ये देश की संप्रभुता को सीधी चुनौतियां थी. पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब चाहते थे कि जैसे उन्होंने बाकी रियासतों का विलय किया, वैसे ही ओर कश्मीर का विलय हो. लेकिन, नेहरू जी ने उनकी वो इच्छा पूरी नहीं होने दी. कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान से बांट दिया गया. कश्मीर पर कांग्रेस ने जो गलती की थी, उसकी आग में देश दशकों तक जलता रहा. लेकिन, उस समय की सरकारों ने सरदार साहब को नीतियों पर चलने की जगह रीढ़विहीन रवैये को चुना. इसका परिणाम देश ने हिंसा और रक्तपात के रूप में झेला है.आगे कहा कांग्रेस की लचर नीतियों के कारण कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया. पाकिस्तान ने आतंकवाद को हवा दी, state sponsored terrorism की कश्मीर और देश को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन, फिर भी कांग्रेस हमेशा आतंकवाद के आगे नतमस्तक रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा घुसपैठियों से भी है. देश के भीतर दशकों से विदेशी घुसपैठिए आते रहे, वो देश के संसाधनों पर कब्जा करते रहे, डेमोग्राफी का संतुलन बिगाड़ते रहे, देश की एकता दांव पर लगाते रहे हैं, लेकिन पुरानी सरकारें इतनी बड़ी समस्या पर आंखें मूंदे रही. वोटबैंक की राजनीति के लिए राष्ट्र की सुरक्षा को जान-बूझकर खतरे में डाल दिया. आगे कहा कि अब देश ने पहली बार इस बड़े खतरे के खिलाफ भी निर्णायक लड़ाई लड़ने की ठानी है. लाल किले से मैंने डेमोग्राफी मिशन का ऐलान किया है, लेकिन आज जब हम इस विषय को गंभीरता से उठा रहे हैं, तो कुछ देशहित से ज्यादा आने स्वार्थ को ऊपर रख रहे हैं. ये लोग घुसपैठियों को अधिकार दिलाने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इनको लगता है कि देश एक बार टूट गया, आगे भी टूटता रहे , इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है. जबकि, सच्चाई ये है कि अगर देश की सुरक्षा और पहचान खतरे में आएगी, तो हर व्यक्ति खतरे में आएगा. इसलिए हमें आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर संकल्प लेना है कि हम भारत में रह रहे हर घुसपैठिए को बाहर निकालकर ही रहेंगे.
