केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सोमवार को देश की 16वीं जनगणना 2027 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना के लिए भी अधिसूचना जारी की गई है. जनगणना का काम इस बार 2 चरणों में पूरा कराया जाएगा. यह जनगणना भारत की कुल 16वीं और आजादी के बाद की 8वीं जनगणना है. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कल रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 16वीं जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की. 16वीं जनगणना की संदर्भ तारीख लद्दाख जैसे बर्फीले और पहाड़ी इलाकों में एक अक्टूबर, 2026 जबकि देश के शेष हिस्सों में एक मार्च, 2027 होगी. नई जनगणना कराने को लेकर अधिसूचना सोमवार को सरकारी राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई. कल रविवार को बैठक के बाद बताया गया कि गृह मंत्री ने केंद्रीय गृह सचिव, भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. देश में जनगणना की प्रक्रिया 2 चरणों में पूरी की जाएगी. पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन के तहत हर घर, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी. जबकि दूसरे चरण यानी जनसंख्या आकलन किया जाएगा जिसमें हर घर के हर व्यक्ति की गिनती, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और कई अन्य तरह की जानकारी जुटाई जाएगी. इस बार जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी कराई जा रही है. गृह मंत्रालय के मुताबिक 16वीं जनगणना को लेकर करीब 34 लाख गणनाकार एवं पर्यवेक्षक के साथ-साथ करीब 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक जनगणना के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग भी किया जाएगा. लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा. बयान में कहा गया कि जनगणना से जुड़े आंकड़ों के संरक्षण को लेकर बहुत कड़े डेटा सिक्योरिटी उपाय किए जाएंगे. इस बार यह जनगणना 16 सालों के बाद कराई जा रही है. देश में पिछली जनगणना साल 2011 में की गई थी, लेकिन 2021 में कोरोना महामारी की वजह से समय से जनगणना का काम समय से शुरू नहीं हो सका था.
