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क्यों देश को इंतजार नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने का नोएडा एयरपोर्ट से उजली होगी भारत की छवि: विवेक शुक्ला

 

विवेक शुक्ला

 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने का देश के एविएशन सेक्टर से लेकर उन सबको इंतजार है,जो नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) से सफर को जाते हैं या सफर के बाद लौटते हैं। नोएडा इंटरनेशनल  एयरपोर्ट के चालू होने के बाद आईजीआई से उड़ानों को रद्द भी नहीं किया जायेगा। जी-20 शिखर सम्मेलन के समय दर्जनों उड़ानों को रद्द किया गया था जिस कारण मुसाफिरों को भारी सुविधा हुई थी। जी-शिखर सम्मेलन में भाग लेने  के लिये राजधानी दिल्ली में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के अलावा बाकी सदस्य देशों के नेता भी हाजिर रहे। इनके अलावा मेजबान होने के नाते भारत ने अपने कुछ घनिष्ठ मित्र राष्ट्रों जैसे बांग्लादेश,मारीशस और नाइजीरिया को भी आमंत्रित किया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद, मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविनंद्र जुगनाथ और नाइजीरिया के राष्ट्रपति  बोला टीनुबूभी सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुये थे।  इन सबको लेकर विशेष विमान  आईजीआई एयरपोर्ट पर ही आ रहे थे।  इस कारण आईजीआई में  दर्जनों उड़ाने रद्द की गई थी। पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट चालू होने के बाद यह नौबत नहीं आएगी।

बहरहाल, खबर है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सबसे पहले इंडिगो एयरलाइन अपनी उड़ान शुरू करेगी। किफायती फ्लाइट उपलब्धा कराने वाली देश की सबसे बड़ी एयरलाइन की तरफ से अगले साल किसी समय अपनी उड़ान शुरू की जा सकती है। हाल ही में, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के साथ एक एमओयू पर साइन  किये। इस करार के अनुसार इंडिगो एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली सबसे पहली एयरलाइन होगी। इस समझौते के अनुसार एनआईए और इंडिगो, यूपी और इसके बाहर हवाई संपर्क मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह एयरपोर्ट दिल्ली से करीब 75 किमी दूर वेस्ट यूपी के गौतम बौद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में है। केन्द्रीय गृह,एविएशन और उत्तर प्रदेश सरकार मिल कर कोशिश कर रहे हैं ताकि नोएडा  इंटरनेशनल एयरपोर्ट  शीघ्र शुरू हो जाए। नोएडा एयरपोर्ट का तुरंत बनना इसलिए जरूरी है ताकि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) को यात्रियों की भीड़ से बचाया जा सके।  आईजीआई एयरपोर्ट पर साल दर साल यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है। आप जानते हैं कि आईजीआई से प्रतिदिन हजारों भारतीय सात समंदर पार यात्रा के लिए जा रहे हैं तो इतने ही दुनिया के अलग अलग भागों से दिल्ली आ रहे होते हैं। पिछले साल 2022 में तो यह दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट की रैंकिंग में नौवें स्थान पर पहुंच गया। एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) की रिपोर्ट की मानें तो आईजीआई एयरपोर्ट से साल 2022 में लगभग 5.95 करोड़ लोगों ने यात्रा किया। यह भारत का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट भी है। शायद यही वजह है कि आईजीआई एयरपोर्ट की सुविधाएं भीड़ के सामने अब बौनी साबित होने लगी हैं।

जान लें कि तीस हजार करोड़ रुपये की लागत से 1334 हेक्टेयर में बन रहा जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। फिलहाल यात्रियों की आवाजाही के लिहाज से आईजीआई सबसे बड़े एयरपोर्ट है।

 जेवर एयरपोर्ट की टिकटें आईजीआई के मुकाबले सस्ती होंगी। ऐसा दिल्ली और यूपी में एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) शुल्क में अंतर के कारण संभव होगा। आईजीआई की तुलना में यात्रियों को प्रति टिकट 1,500 रुपये की बचत होगी। एविएशन मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि जब जेवर एयरपोर्ट से विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा तो  यहां से सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की आवाजाही होने लगेगी। यहां से देश के विभिन्न शहरों के लिए विमान सेवा शुरू होंगी। उदाहरण के रूप में दिल्ली-मुंबई के बीच में प्रतिदिन लगभग 100 उड़ानें हैं। उनमें से करीब आधे को जेवर से संचालित किया जा सकता है। इसी तरह से बैंगलुरू, चेन्नई, काशी, पटना, रांची, लेह, गोवा और देश के दूसरे भागों में यहां से विमान उड़ सकते हैं। इसके अलावा लंदन, दुबई, ज्यूरिख या अमेरिका के शहरों को जाने वाली कुछ उड़ानें भी यहां से शुरू की जा सकती हैं।

 नोएडा एयरपोर्ट से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वाले हजारों विदेशी  नागरिकों को लाभ होगा जो ऑफिस के काम से लगातार हवाई सफर करते रहते हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी तादाद में सुथ कोरिया और जापान के नागरिक रहते हैं। इनमें पेशेवर, इंजीनियर, उद्यमी आदि शामिल है। आईजीआई की भीड कम करने, यात्रियों की सहूलियत बढ़ाने के लिए इसे नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 74 किलो मीटर लंबा मेट्रो कॉरिडोर बनना तय। जिस पर 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से मेट्रो दौडेगी।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जेवर एयरपोर्ट को एयर कार्गो का हब भी बनाना चाहती है। एयरपोर्ट पर 40 एकड़ में एमआरओ (मेंटीनेंस रिपेयरिंग एंड ओवर हॉलिंग) की सुविधा दी जाएगी। यानी यहीं देश विदेश के विमानों की सर्विसिंग भी यहीं एयरपोर्ट पर होगी। वर्तमान में भारत के 85 प्रतिशत विमानों को एमआरओ के लिए विदेश भेजना पड़ता है। जिसपर प्रतिवर्ष 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी के मॉडल के रूप में विकसित कर रही है। यहां आने-जाने के लिए टैक्सी, मेट्रो और रेल तक की कनेक्टिविटी होगी। एयरपोर्ट से निकलते ही यात्री सीधे यमुना एक्सप्रेसवे पर जा सकते हैं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तक जा सकते हैं। यूपी, दिल्ली, हरियाणा कहीं भी जाना है तो थोड़ी सी देर में पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पहुंच सकते हैं। इससे यह तो साफ है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने से आईजीआई की भीड़ काफी हद तक छंट जाएगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश की इमेज को भी चार चांद लगेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 5 रनवे बनाए जाएंगे। पहले रनवे की संख्या 2 थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 करने का निर्णय लिया गया है। देश ने जी-20 शिखर सम्मेलन के समय देखा था कि किस तरह से आईजीआई एयरपोर्ट पर दबाव था। जी20 शिखर सम्मेलन पिछली 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया गया था। जिसके चलते कई विमानन कंपनियों ने फ्लाइट कैंसिल कर दी थी। इसमें इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा शामिल थीं। इस कारण हजारों लोगों को कठिनाई हुई थी। उनके काम-धंधे पर असर हुआ था। भविष्य में राजधानी दिल्ली में होने वाले किसी बड़े इवेंट की स्थिति में भी आईजीआई और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोई फ्लाइट रद्द नहीं होगी। जाहिर है कि यह इसलिए मुमकिन होगा क्योंकि तब तक देश को एक और विश्व स्तरीय एयरपोर्ट मिल जाएगा। समाप्त।

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