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जब आसमान में 220 जिंदगियां संकट में फंसी (डीजीसीए) ने बताया कैसे कराई फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

इंडिगो के एक विमान ने श्रीनगर की उड़ान के दौरान खराब मौसम के कारण पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश का अनुरोध किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. ये जानकारी विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को दी. डीजीसीए का कहना है कि विमान को पठानकोट के पास ओलावृष्टि और तूफान का सामना करना पड़ा. DGCA ने घटना की जांच शुरू कर दी है. साथ ही नियामक ने विमान के नोज रेडोम को क्षति पहुंचने की बात कही है. फ्लाइट में 220 यात्री सवार थे. डीजीसीए ने कहा, ‘क्रू मेंबर्स के बयान के मुताबिक, उन्होंने मार्ग पर खराब मौसम के कारण एयरफोर्ट के उत्तरी नियंत्रण (आईएएफ) से बाईं ओर (अंतरराष्ट्रीय सीमा) जाने का अनुरोध किया था, हालांकि इसे मंजूरी नहीं दी गई. बाद में क्रू मेंबर्स ने खराब मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश के लिए लाहौर से संपर्क किया, लेकिन उसे भी अस्वीकार कर दिया गया. इसके बाद उन्हें ओलावृष्टि और भीषण खराब मौसम का सामना करना पड़ा. चालक दल ने खराब मौसम से बचने के लिए श्रीनगर की ओर सबसे छोटे मार्ग से उसी दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया.’ नियामक ने कहा, ‘आंधी-तूफान के दौरान एंगल ऑफ अटैक फॉल्ट, अल्टरनेटिव लॉ प्रोटेक्शन लॉस्ट, बैकअप स्पीड स्केल अनरिलायबल होने की वॉर्निंग दी गईं. तेज हवाओं की वजह से फ्लाइट के ऑटोपायलट में खराबी आ गई और उसकी स्पीड में बड़ा बदलाव हुआ, जिसके चलते अधिकतम ऑपरेशनल स्पीज व अधिकतम ऑपरेशनल मैक वॉर्निंग और बार-बार रुकने की वॉर्निंग जारी होने लगीं. फ्लाइट की उतरने की दर 8500 एफपीएम (फुट प्रति मिनट) तक पहुंच गई और क्रू ने ओलावृष्टि से बाहर आने तक विमान को मैन्युअल में उड़ाया.’ उसने कहा, ‘सभी चेकलिस्ट क्रियाएं (ईसीएएम क्रियाएं) चालू करने के बाद क्रू ने श्रीनगर एटीसी को पैन पैन घोषित किया और रडार वेक्टर के लिए अनुरोध किया और ऑटो थ्रस्ट के सामान्य रूप से संचालन के साथ विमान को सुरक्षित उतारा.’ दरअसल, पैन पैन फ्रांसीसी शब्द पैन से लिया गया है, जिसका अर्थ विफल होना या फिर मुश्किल में पड़ना होता है. ये शब्द इमरजेंसी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है.

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