जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने पारंपरिक जापानी अभिवादन अरिगातो गोजाइमासु कहकर शिगेरू इशिबा का स्वागत किया. इस दौरे के दौरान सांस्कृतिक मेलजोल भी देखने को मिला. टोक्यो में भारतीय समुदाय द्वारा पारंपरिक विधियों से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया, जिसमें गायत्री मंत्र और अन्य वैदिक श्लोकों का सामूहिक पाठ शामिल था.अरिगातो गोजाइमासु का अंग्रेजी में ट्रांसलेशन होता है बहुत-बहुत धन्यवाद. जापान में अरिगातो गोजाइमासु शिष्टाचार और आदर प्रकट करने के लिए दैनिक जीवन में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. इसका प्रयोग खासतौर पर उन लोगों के प्रति किया जाता है जो अजनबी हों, वरिष्ठ हों, या जो कोई सेवा प्रदान कर रहे हों, जैसे कि दुकानदार, रेस्टोरेंट स्टाफ या शिक्षक. यह शब्द न केवल कृतज्ञता व्यक्त करता है.शोरिनजान दारुमा-जी मंदिर के मुख्य पुजारी रेव सेशी हिरोसे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पारंपरिक जापानी दारुमा गुड़िया भेंट स्वरूप दी. दारुमा गुड़िया एक खोखली, गोल और चमकीले रंगों से सजी आकृति होती है जो कि लाल रंग की होती है और ये जेन बौद्ध धर्म के संस्थापक, भारतीय भिक्षु बोधिधर्म का प्रतीक मानी जाती है.भारत और जापान के बीच 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर बल दिया. इस अवसर पर जापान ने अगले पांच वर्षों के भीतर भारत में 10 ट्रिलियन येन से अधिक के निवेश का आश्वासन दिया जो दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को मजबूत करेगा. रक्षा सहयोग के तहत दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ाने, रक्षा तकनीक साझा करने और रक्षा उत्पादन में साझेदारी पर जोर दिया.
