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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार कहां मनाएंगे दिवाली, 11 सालों में सियाचिन से कच्छ, जैसलमेर तक जवानों के बीच मनाते हैं त्योहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल दिवाली गोवा में नौसैनिकों के बीच मना सकते हैं. सूत्रों के जरिये ये जानकारी सामने आई है. पिछले 11 सालों से वो लगातार सियाचिन, कारगिल, कच्छ के रण और जैसलमेर जैसे स्थानों पर जाकर सैनिकों के बीच रोशनी का ये त्योहार मनाते रहे हैं. खबरों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद वो इस बार दीपावली नेवी बेस पर मनाने वाले हैं, ये महत्वपूर्ण है. पिछले 11 साल से दिवाली वो जवानों के बीच मनाते आ रहे हैं. प्रधानमंत्री सियाचिन बॉर्डर से कच्छ के रण तक तैनात जवानों के बीच दीपावली मना चुके हैं. 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से वो लगातार हर साल दीपावली पर किसी न किसी सीमा पर जवानों के बीच होते हैं. दिवाली इस बार 20 अक्टूबर है. पीएम मोदी पिछले साल 2024 में कच्छ में बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायुसेना कर्मियों के बीच मौजूद थे. पीएम मोदी ने गुजरात के कच्छ में सर क्रीक क्षेत्र के लक्की नाला का दौरा किया था. उन्होंने सेना के जवानों को मिठाई खिलाई और विषम परिस्थितियों में उनकी ड्यूटी को लेकर हौसला बढ़ाया. कच्छ के क्षेत्र में सुबह के वक्त तापमान बहुत ज्यादा और रात का बेहद कम हो जाता है. ऐसे में यहां चुनौतियां सियाचिन से कम कठिन नहीं हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 की दीपावली को जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में रोशनी का ये त्योहार मनाया था. उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में हिमाचल प्रदेश से लगे चीन बॉर्डर पर दिवाली मनाई थी. वो लाहौल स्फीति में आईटीबीपी जवानों के बीच पहुंचे. उन्होंने घर परिवार से दूर जवानों के बीच जाकर ये संदेश दिया कि पूरा देश उनके साथ था. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में दीपावली पंजाब में मनाई थी. उन्होंने अमृतसर के नजदीक पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात जवानों के बीच ये त्योहार मनाया था.प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने बर्फीली चोटियों वाले सियाचिन इलाके में जवानों के बीच दिवाली मनाई थी. सियाचिन में तापमान -30 से -40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. वो दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र कहा जाता है.

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