मैं श्री सत्य साई बाबा की पुण्य स्मृति को सादर नमन करती हूँ। सत्य साई बाबा के आशीर्वाद से युक्त प्रशान्ति निलयम में आकर और उनके जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेकर मुझे सात्विक अनुभव हो रहा है। प्राचीन काल से ही हमारे संत-महात्मा अपने कर्म और वाणी से समाज का मार्गदर्शन करते रहे हैं। समाज-कल्याण के लिए भी उन महान आत्माओं ने अनेक कार्य किए हैं। श्री सत्य साई बाबा भी ऐसी ही महान विभूतियों में अपना विशेष स्थान रखते हैं। उन्होंने भी सदैव समाज-कल्याण और लोगों की भलाई के लिए कार्य किया। श्री सत्य साई बाबा ने समाज कल्याण के अनेक कार्य करके सबके सामने
आदर्श को यथार्थ का रूप देने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। ‘श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट’ विद्यार्थियों को ऐसी उत्कृष्ट निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहा है जो शैक्षणिक उत्कृष्टता को चरित्र निर्माण के साथ जोड़ती है। यह उल्लेखनीय है कि सत्य साई बाबा द्वारा 1969 में बेटियों के लिए विशेष महिला परिसर की शुरुआत की गई थी। यह उनके नारी शिक्षा के प्रति दूरदर्शी सोच का प्रमाण है। शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा द्वारा भी सत्य साई बाबा के मिशन को आगे बढ़ाया जा रहा है। मुझे बताया गया है कि ‘श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट’ द्वारा संचालित अस्पतालों में नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है। इस क्षेत्र के हज़ारों सूखा प्रभावित गाँवों को पेयजल उपलब्ध कराना भी उनकी दूरदृष्टि का परिणाम था। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना के अनुसार राष्ट्र निर्माण सभी संस्थाओं का कर्तव्य है। आध्यात्मिक संस्थाएं इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। भारत सरकार ऐसे अनेक कदम उठा रही है जिससे देशवासियों का जीवन सुगम और सरल हो तथा वे अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग देश के विकास में कर सकें। भारत सरकार के इन प्रयासों में सभी धर्मार्थ संस्थाओं, NGOs, private sector और नागरिकों को योगदान देना चाहिए। आपका योगदान भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने में सहयोगी सिद्ध होगा। सत्य साई बाबा की जन्म शताब्दी के अवसर पर सभी लोग यह संकल्प लें कि हम उनके प्रेम और सेवा के संदेश को आत्मसात करेंगे। हम व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर ऐसे सभी प्रयास करेंगे, जिससे विश्व में शांति को बल मिले और सम्पूर्ण मानवता का कल्याण हो।
