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लोकसभा चुनाव 2024: चौथे चरण की 49 सीटों पर एनडीए की प्रतिष्ठा दांव पर,

लोकसभा चुनाव  के चौथे चरण का मतदान आज कराया जा रहा है. इस चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 लोकसभा सीट पर मतदान हो रहा है. इस चरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह , टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे प्रमुख नेताओं की चुनावी किस्मत का फैसला होना है. जिन 96 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 49 सीटें 2019 के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने जीती थीं.वहीं 11 सीटें इंडिया गठबंधन के दलों के खाते में गई थीं. वहीं इनमें से 35 सीटें ऐसी थीं, जो उन दलों ने जीती थीं, जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं. इस चरण में उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर मतदान हो रहा है, वो सभी सीटें 2019 में एनडीए ने जीती थीं. इसी तरह महाराष्ट्र की 11 में से आठ, मध्य प्रदेश की सभी आठ, बिहार की सभी पांच, तेलंगाना की 17 में से चार, झारखंड की चार में से एक, पश्चिम बंगाल की आठ में से तीन, आंध्र प्रदेश की 25 में से तीन और ओडिशा की चार में से एक सीट बीजेपी और उसके सहयोगियों ने जीती थीं. इस चरण में बीजेपी और उसके सहयोगियों को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बढ़त मिलने की उम्मीद है. इस बार बीजेपी ने आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना से समझौता किया है. बीजेपी ने 2019 का चुनाव अकेले लड़ा था, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी. वहीं टीडीपी ने तीन सीटें जीती थीं. वहीं तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति के कमजोर होने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है. लेकिन कांग्रेस ने तेलंगाना में जबरदस्त वापसी भी की है. ऐसे में वहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में हो सकता है. तेलंगाना में मुकाबला कांग्रेस सरकार की गारंटी बनाम मोदी की गारंटी के बीच है. वहीं अगर इंडिया गठबंधन की बात करें तो 2019 के चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने 11 सीटें जीती थीं. इनमें से पश्चिम बंगाल की आठ में से पांच, तेलंगाना की 17 में से तीन, झारखंड की चार में से एक, ओडिशा की चार में से एक और महाराष्ट्र की 11 में से एक सीट जीती थी. इंडिया गठबंधन चौथे चरण में  तेलंगाना, महाराष्ट्र और बिहार में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. तेलंगाना में कांग्रेस ने बीआरएस को हराकर राज्य की सत्ता हथियाई है. कांग्रेस ने उन गारंटियों को लागू किया है, जिसे उसने विधानसभा चुनाव में उसने वादा किया था. वहां महाराष्ट्र में शिव सेना और एनसीपी में हुई टूट के बाद पैदा हुई सहानुभूति लहर का फायदा इंडिया गठबंधन उठा सकता है. वहीं बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की सभाओं में जितनी भीड़ आ रही है और वो जिस तरह से रोजगार को मुद्दा बना रहे हैं, उसका फायदा इंडिया गठबंधन को वहां इस चरण में मिल सकता है.

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