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अरूंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए की अनुमति लोकतंत्र को कुचलने का एक और उदारहण

मो बरकतुल्लाह राही
अरवल,20जून:यूएपीए की कार्रवाई पर लगे रोक।
यूएपीए रद्द किए जांय।
सभी राजनैतिक बन्दियों को रिहा किया जाए।
बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक
भाकपा-माले जिलासचिव जितेंद्र यादव ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देना, लोकतंत्र और मतभिन्नता को कुचलने का एक और उदाहरण है. यह फासीवाद के भारतीय ब्रांड का अवश्यंभावी लक्षण है. यही उपराज्यपाल, मेधा पाटकर के खिलाफ फर्जी मानहानि के उस मुकदमे के भी पीछे हैं, जिसमें उन पर दोष सिद्ध हो गया है और सजा वक्त की बात भर है.
भाकपा-माले ऐसे दमनकारी क़ानूनों के खात्मे तथा सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष जारी रखेगी. इस घटना के खिलाफ आज 20 जून को राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध के  केंद्रीय कमिटी के आह्वान पर भाकपामाले कार्यालय से मार्च निकाला गया जो शहर के विभिन्न मार्गो से मार्च करते हुए नेताओं ने अपनी बात कही.भाकपा-माले लोकतंत्र पसंद सभी नागरिकों से दिल्ली के उपराज्यपाल के इस अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ मजबूती से उठ खड़े होने की अपील करती है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अपराध की लगातार बढ़ रही घटनाएं बेहद चिंताजनक है. सत्ता संरक्षित अपराधियांं द्वारा इस तरह के कारनामों को अंजाम दिया जा रहा है. भाजपा-जदयू शासन का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है.
नावकोठी थाना के चकमुजफ्फर में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की निंदा करते हुए हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के द्वारा चकमुजफ्फर जाकर असामाजिक हमलावर को ललकारने और पुलिस पर दबाव देने  पर रोष व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में शामिल थे भाकपा माले जिला सचिव कॉम जीतेन्द्र यादव, नगर सचिव कॉम नंदकिशोर ठाकुर, जिला कमिटी सदस्य कॉम शुएब आलम, भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह पूर्व नगर परिषद कॉम टुन्ना शर्मा, कॉम वीरेंद्र यादव, कॉम बीरबल प्रसाद, और भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य कॉम रविंद्र यादव सहित दर्जनों माले नेता मार्च में शामिल थे.
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