मूल्यांकन के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई उत्तरपुस्तिका
संवाददाता
गोपालगंज. सरकारी स्कूलों में वार्षिक मूल्यांकन समाप्त हो चुका है. उत्तर पुस्तिकाओं की जांच चल रही है. वर्ग पांच व आठ का परिणाम घोषित भी किया जा चुका है, जबकि अन्य वर्गों का रिजल्ट तैयार करने में शिक्षक लगे हुए हैं. स्कूलों में प्रतिदिन किसी न किसी वर्ग का रिजल्ट छात्र-छात्राओं को सुनाया जा रहा है. विभाग के निर्देश पर अभिभावकों को छात्र-छात्राओं की कॉपियां भी दिखायी जा रही हैं. साथ ही छात्र-छात्राओं के बीच प्रगति पत्र का वितरण भी किया जा रहा है. इसी बीच गणित विषय में किसी छात्र द्वारा लिखा गया एक सवाल का अजूबा जवाब सामने आया है. छात्र ने सवाल हल करने के बदले अपनी प्रेमिका की याद में दर्द भरी पंक्तियों को लिख डाला है. जांच की हुई यह उत्तर पुस्तिका सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल, गणित के पेपर में दिये गये आंकड़ों की सहायता से पाई चार्ट बनाने के लिए पूछा गया है. लेकिन, छात्र ने इसका जवाब जो लिखा है, उसे पढ़कर आप हैरत में पड़ जायेंगे. ” न दिल होता न दिल रोता. न दिल दिल से जुदा होता. न तुम इतनी हसीं होती, न तुम पे दिल फिदा होता.” इन्हीं पंक्तियों को प्रश्न का उत्तर बनाया गया है. पाई चार्ट वाले सवाल में ही किसी दूसरे छात्र ने अलग शायरी लिखी है. उसने लिखा है- ” बदले-बदले हो जनाब क्या बात हो गयी. हमसे नाराज हो या किसी और से मुलाकात हो गयी.” अन्य कई प्रश्नों के उत्तर के बदले छात्रों ने शायरी लिखी है. इन कॉपियों की जांच करते समय गुरुजी भी टेंशन में आ गये होंगे. शायद ही उन्हें गणित के प्रश्नों के ऐसे जवाब कभी मिले हों. वायरल हो रही कॉपियां किस विद्यालय की हैं. किस छात्र ने यह जवाब लिखा है और किस शिक्षक में इन कॉपियों की जांच की है, यह स्पष्ट नहीं हो रहा. प्रभात खबर भी अपने स्तर से इसकी पुष्टि नहीं करता. लेकिन, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसकी खूब चर्चा हो रही है.
………………………………………..चिंता का विषय है छात्रों की ऐसी स्थिति
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छात्रों की ऐसी स्थिति गंभीर चिंता का विषय है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार इतनी व्यवस्थाएं दे रही हैं. बहुत सारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. कमजोर बच्चों के लिए स्कूलों में अलग से कक्षाएं संचालित करायी जा रही हैं. इसके बावजूद यदि छात्र कॉपियों में उत्तर के बदले शायरी लिखें, तो इससे कई सवाल खड़े हो जाते हैं. सिस्टम के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को भी इसके लिए जागरूक होना होगा.