जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा दिनकर भवन में आयोजित हुआ फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व मुशायरा
बेगूसराय : संवाद का सबसे बड़ा माध्यम भाषा है। वह कोई भी भाषा हो सकता है। हर भाषा के अच्छे जानकारों की हर जगह जरूरत रहती है। वैसे ही अच्छे उर्दू भाषियों की भी सरकार को आवश्यकता होती है। आप पचास नंबर का उर्दू लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करके उर्दू भाषा निदेशालय में नौकरी तलाश करेंगे तो नहीं मिलेगा। अगर नौकरी चाहिए तो डरकर नहीं बल्कि खुलकर उर्दू पढ़िए। यह बातें गुरुवार को दिनकर कला भवन में मंत्रिमंडल सचिवालय उर्दू निदेशालय के निदेशक मो. इमरान ने कही।निदेशक जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा सह कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचास नंबर लेकर नहीं बल्कि दो सौ नंबर लेकर उर्दू पढ़िए, तब नौकरी की तैयारी कीजिए। उन्होंने इस शानदार कार्यक्रम के आयोजन के जिला उर्दू कोषांग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई भी दी। उदघाटनकर्ता अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने कहा कि इस तरह का आयोजन ज्ञानवर्द्धक होता है। विद्यार्थियों के साथ-साथ उर्दू भाषा प्रेमियों के लिए यह काफी लाभदायक है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप निदेशक सह जिला उर्दू कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी रिजवान अहमद ने कहा कि उर्दू का दिल इतना बड़ा है कि वह अपने अंदर हर भाषा को समेटे हुए है। चूंकि यह भाषा भारत में जन्मी, यहीं पल-बढ़कर जवान हुई है। आज भारत से निकलकर विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना रही है, जो हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। उपमहापौर अनिता राय ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम का संचालन उर्दू अनुवादक पदाधिकारी मो. शहबाज आलम एवं उर्दू अनुवादक ऐमन ओबैद ने किया। कार्यक्रम की सफलता में विभाग के सदर एसडीओ कार्यालय के उर्दू अनुवादक शाहिद हसन खां, सईदा रहमान, सदर प्रखंड के मो, शारिक, समीउद्दीन, मोहसिना अली, सबा मामून रहमानी, मोअज्जम अली, अकील अहमद ने अहम भूमिका निभाई।
विद्वानों ने प्रस्तुत किया आलेख व कवियों ने पेश किया नज्म, गजल
जिला उर्दू भाषा कोषांग के इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभागीय निर्देशानुसार जिला उर्दू विद्वानों को अपना आलेख प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिन्होंने भाषा के विकास पर अपने-अपने आलेख प्रस्तुत किए। जिसमें राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मुफ्ती खालिद हुसैन नीमवी कासमी, एलएनएमयू दरभंगा के रिटायर्ड एचओडी प्रो. जफर हबीब, जिला अंजुमन तरक्की उर्दू के सचिव व मुंगेर विवि के सीनेटर मो. रूहुल्लाह, एसके महिला कालेज की उर्दू विभागाध्यक्ष डा. यास्मीन अख्तर, जैनुल आब्दीन, डा. शगुफ्ता ताजवर, आरिफ हैसन, मुजफ्फर इस्लाम आदि शामिल हैं। जबकि कवियों में रमा मौसम, अशांत भोला, मोइनुल हक नदवी साहब , कैफुल वरा दानिश, मो. इश्तियाक, हारून रशीद. मो. मोइन एवं शफीकुर रहमान ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।