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14 वर्ष से क्रम उम्र के बच्चे को किसी भी प्रकार से नियोजन नियुक्त करना कानूनी अपराध

बेगूसराय: विश्व बाल श्रम निषेद्य दिवस के अवसर पर उप श्रमायुक्त कार्यालय के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में उप श्रमायुक्त, श्रम अधीक्षक, जिला के सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, गैर सरकारी संस्थान के प्रतिनिधि श्रमिक संघ के प्रतिनिधि, विगत वर्षों में विमुक्त बाल श्रमिक तथा उनके अभिभावक उपस्थित थे। गैर सरकारी संगठनों में बचपन बचाओं आंदोलन के प्रतिनिधि, वैशाली समाज कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि तथा श्रमिक सथों में भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि एवं नागरिक कल्याण संस्थान की ओर से प्रो० संजय गौतम उपस्थिति थे। सर्वप्रथम उप श्रमायुक्त द्वारा जागरूकता अभियान के तहत् प्रचार प्रसार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसके बाद कार्यालय में दीप प्रज्जवलन के साथ विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बछवाड़ा के द्वारा बताया गया कि बाल श्रम (निषेद्य एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत् 14 वर्ष से क्रम उम्र के किसी बच्चे को किसी भी प्रकार से नियोजन में नियोक्त नहीं किया जा सकता है। धारा 3 तथा 34 के तहत् यह एक संज्ञेय अपराध है। इसके तहत् 20 हजार से 50 हजार तक जुर्माना अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक कारावास या दोनों का दण्ड दिया जा सकता है। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, भगवानपुर एवं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चेरिया बरियारपुर द्वारा बताया गया कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में कुल 67 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, वीरपुर द्वारा बिहार शताब्दी असगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुच्क्षा योजना, 2011 की जानकारी दी गयी। विमुक्त बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रू० को चेक वितरण किया गया तथा विद्यालय में नामांकन का प्रोत्साहन हेतु स्कूल बैग का वितरण किया गया।
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