मो बरकतुल्लाह राही
अरवल-05नवंबर:लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा आरम्भ हुई नहाय-खाय के साथ,यह पर्व 05 नवम्बर दिन मंगलवार से शुरुआत हो रहा है,छठ का त्योहार खास तौर पर बिहार-झारखण्ड और पूर्वी उत्तरप्रदेश में बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है,इसके साथ-साथ हीं अन्य राज्यों में भी इस पर्व कों बड़ी धूम-धाम से मनायें जाते अब दिख भी रहे है,छठ पूजा में सूर्यदेव की उपासना का खास महत्व माना जाता है,साल में दो बार छठ मनाई जाती है,पहली चैत्र मास के शुक्ल पक्ष कों पष्ठी कों और दूसरी कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पष्ठी कों,यह पूजा नहाय-खाय से आरम्भ होकर चार दिन तक चलती है,जो 36 घंटे निर्जला उपवास में रहकर इस पर्व का अनुष्ठान छठव्रतीयों के द्वारा रहने की परम्परा है,बताया जाता हैं कि नहाय-खाय के दिन छठव्रती पवित्र गंगा नदी के जल से स्नान करने के बाद पूजा करती है,जानकारी के मुताबिक अरवा चावल,कद्दू की सब्जी और चने की दाल कों प्रसाद के तौर पर बनाया जाता है,इस पर्व में साफ-सफाई का विशेष महत्व रखा जाता है | उसके अगले दिन लोहड़ी-पर्व खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद,छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास में रहकर,उसके अगले दिन डूबते सूर्य भगवान भाष्कर कों अर्घ्य देने की परम्परा है,इसके अगले सुबह प्रातः काल में उगते सूर्य भगवान भाष्कर कों अर्घ्य देने के बाद,छठव्रती पारण करते हुये अपना छठ पूजा सम्पन्न करते हैl