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टी.पी.एस. कॉलेज में दवा खोज और आणविक डॉकिंग पर कार्यशाला का भव्य समापन

पटना, 11 जूलाई :

“यह कार्यशाला टी.पी.एस. कॉलेज के लिए एक ऐतिहासिक कदम है । दवा खोज और आणविक डॉकिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण छात्रों के करियर को नई दिशा देगा और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा । मुझे गर्व है कि हमने इस दिशा में एक मजबूत पहल की” । यह बातें टी.पी.एस. कॉलेज के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने दवा खोज और आणविक डॉकिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में कहीं । यह समारोह आज 11 जुलाई 2025 को भव्य रूप से संपन्न हुआ ।

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय समेत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 40 प्रतिभागियों ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया । समापन समारोह में प्रो. रूपम ने कहा, “आणविक डॉकिंग दवा खोज में क्रांति ला रही है । यह कार्यशाला छात्रों को इस क्षेत्र में प्रेरित करेगी ।” प्रो. अबु बकर रिजवी ने जोड़ा, “कम्प्यूटर-सहायता प्राप्त दवा डिज़ाइन (CADD) ने दवा विकास को तेज और प्रभावी बनाया है ।” प्रो. श्यामल किशोर ने छात्रों की जिज्ञासा की सराहना करते हुए कहा, “यह आयोजन भविष्य के वैज्ञानिकों को तैयार करने का मंच है ।” समन्वयक डॉ. विनय भूषण कुमार ने बताया, “40 प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाया ।

डॉ. सानंदा सिन्हा, डॉ. सुशोभन  पलाधि, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. चंद्रशेखर ठाकुर, डॉ. ओंकार पासवान, और रिसोर्स पर्सन डॉ. अभिनव चौहान ने भी योगदान दिया । डॉ. चौहान ने कहा, “आणविक डॉकिंग और CADD दवा विकास को नई गति दे रहे हैं ।” प्रतिभागियों को ऑटोडॉक, ग्लाइड, और डीप लर्निंग जैसी तकनीकों की जानकारी दी गई । सभी 40 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए ।

यह कार्यशाला दवा खोज में करियर की संभावनाओं को समझने और अनुसंधान के प्रति रुचि जगाने का महत्वपूर्ण मंच बनी । आयोजकों ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया ।

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