रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को मलेशिया के दौरे पर हैं. राजधानी कुआलालंपुर में 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) आयोजित हो रही है. यहां वे एडीएमएम-प्लस के 15 वर्षों पर चिंतन और आगे का रास्ता तैयार करना विषय पर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. एडीएमए दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के अंदर सर्वोच्च रक्षा परामर्शदात्री और सहयोगात्मक तत्र के रूप में काम करता है. इसमें आसियान देश शामिल हैं, जैसे- कंबोडिया, ब्रुनेई, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, तिमोर-लेस्ते, म्यांमार, वियतनाम, लाओ पीडीआर, थाईलैंड और फिलीपींस शामिल हैं. इसमें आठ संवाद साझेदार भी शामिल हैं, जैसे- भारत, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका. भारत 1992 में आसियान का एक संवाद भागीदार बना है. पहली ADMM-प्लस बैठक अक्टूबर 2010 में वियतनाम के हनोई में आयोजित हुई थी. ADMM-प्लस का आयोजन 2017 से आसियान और उसके सहयोगी देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष किया जाने लगा है. वर्तमान में भारत 2024-2027 तक के लिए मलेशिया के साथ आतंकवाद-निरोध पर एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप का सह अध्यक्ष है. उन्होंने एक दिन पहले यानी शुक्रवार को अमेरिका के युद्ध सचिव पीट हेगसेथ से मुलाकात की थी. दोनों देशों ने इस दौरान दस साल के रक्षा रूपरेखा समझौते को औपचारिक रूप दे दिया था. भारत-अमेरिका रणनीतिक और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम है.
