राजधानी दिल्ली का तालकटोरा स्टेडियम एक यादगार दृश्य का गवाह बना है. पिछले गुरुवार को यहां फलों के राजा आम के साथ एक खास महफिल जमी. मंच पर आमों के साथ भारत की कृषि, संस्कृति और शासन तंत्र भी नजर आया. मौका था- भारत आम महोत्सव 2025 का. इसे कानपुर से भाजपा सांसद रमेश अवस्थी की अगुवाई में आयोजित किया गया था. 18 साल पहले शुरू हुई यह परंपरा अब एक वैश्विक आयोजन का रूप ले चुकी है. कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. उनके साथ अट्ठारह केंद्रीय मंत्री और सभी राजनीतिक दलों के दो सौ से अधिक सांसद कार्यक्रम में उपस्थित रहे. सभी किसानों की मेहनत और भारतीय कृषि की गरिमा को एक स्वर में सम्मान दिया. साढ़े तीन सौ से अधिक किस्मों के आमों का प्रदर्शन भारत के विभिन्न राज्यों से आया था. दशहरी, चौसा, केसर, सफेदा, नीलम, फजली, बंगनपल्ली जैसी क्लासिक किस्मों के साथ मोदी आम अपने विशिष्ट रंग, आकार और सुगंध के कारण दर्शकों और अतिथियों का आकर्षण बना रहा. इस आयोजन की विशेष उपलब्धि रहा किसान सम्मान समारोह, जिसमें देशभर से आम उत्पादक किसानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह महोत्सव कृषि और शासन के बीच एक सेतु की तरह है. यह मंच किसानों की भागीदारी से आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत कर रहा है. यहां आमों की मिठास ने सबका मन जीता, वहीं मिलेट्स डिनर ने परंपरागत और पौष्टिक अन्नों को नए अंदाज़ में पेश किया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने महोत्सव को एक जीवंत अनुभव में तब्दील कर दिया. वहीं कानपुर से भाजपा सांसद रमेश अवस्थी जोकि इस आयोजन के सूत्रधार हैं, उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे किसान, हमारे आम और हमारी संस्कृति — दुनिया में सम्मान पाए. यह महोत्सव सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी की खुशबू को विश्व तक पहुँचाने का प्रयास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन की सराहना करते हुए पत्र के माध्यम से संदेश भेजा कि यह प्रयास कृषि नवाचार को बढ़ावा देगा और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरक कदम है. महोत्सव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, नितिन गडकरी, कुमार विश्वास, अरबाज़ खान, अंकित तिवारी, डॉ. कविता तिवारी समेत 200 से अधिक सांसदों और 18 केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया. साथ ही सियासत, सिनेमा, साहित्य, शिक्षा, कला, विज्ञान, कानून, पत्रकारिता और अध्यात्म जैसे विविध क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी ने इस आयोजन को एक राष्ट्रीय समागम बना दिया. भारत आम महोत्सव 2025 ने यह साबित कर दिया कि जब परंपरा, प्रशासन और परिश्रम एकत्रित होते हैं, तब वह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन जाता है. एलजी विनय कुमार सक्सेना की उपस्थिति इस बात की प्रतीक थी कि अब कृषि की चर्चा केवल खेतों तक सीमित नहीं, बल्कि सत्ता, संस्कृति और राष्ट्रीय संवाद का हिस्सा बन चुकी है.
