कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर की चीन यात्रा को लेकर केंद्र सरकार से मांग की कि वह पड़ोसी देश चीन और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर संसद में खुलकर चर्चा कराए. पार्टी ने कहा कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान सरकार को इन अहम मुद्दों पर जवाब देने चाहिए. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जब 1962 के युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी तो अब क्यों नहीं की जा सकती? सोमवार को एस. जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई बातचीच में कहा था कि, सीमा संबंधी मुद्दों का समाधान करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की तरफ काम करना चाहिए, जिसके लिए प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों एवं बाधाओं से बचना जरूरी है. जयराम रमेश ने कहा, 14 जुलाई 2025 को विदेश मंत्री ने कहा था कि, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत-चीन के रिश्ते सुधर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों कैसे हैं ये याद दिलाना जरूरी है. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया. जिसमें पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का उपयोग नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली, जे-10सी लड़ाकू विमान, पीएल-15ई एयर-टू-एयर मिसाइल और ड्रोन जैसे आधुनिक हथियारों के परीक्षण के लिए एक अभ्यास मैदान की तरह किया. उन्होंने आगे कहा, भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने तीन दुश्मनों से जंग की, जिसमें चीन भी था. पिछले पांच सालों से कांग्रेस चर्चा की मांग कर रही है, आने वाले मानसून सत्र में प्रधानमंत्री को इसको मानना चाहिए. वहीं, सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमारी सेना ने कहा था कि चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है. तो फिर नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार चीन के बिना क्यों नहीं रहा जा रहा? सरकार ससंद में देश की जनता को जवाब दे.
