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बेगूसराय की बहू मधुर गीतों के साथ साथ रियल लाइफ में भी मधुर और सकारात्मक थी शारदा,

बेगूसराय(कौनैन): बिहार की मशहूर शारदा सिन्हा गौरव स्वर कोकिला पद्मश्री लोक गायिका के साथ साथ एक अच्छी सस्कारी बहु भी थी.जो उनके ससुराल बेगूसराय सिहमा गांव के लोगों से यादें काफी जुड़ी हुई है।यहां की वह बहु थी। बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में उनका ससुराल है माने तो यहां मातम सा पसर गया है। शारदा सिन्हाअपने सिहमा गांव में वह प्रत्येक वर्ष छठ का त्यौहार मनाने आती थी. लेकिन शायद वह अब इस गांव में छठ का त्यौहार मनाने नहीं आएंगी। उनकी ग्रामीण बताते हैं कि वह एक ऐसी अच्छे स्वभाव की बहुत ही कि वह हर किसी से मिलती-जुलती और अपने सकारात्मक विचारों से लोगों को भाव विभोर कर देती थी. खासकर बेगूसराय जिले से उनका गहरा लगाव रहा तबीयत खराब होने से पहले वह अपने घर की देखभाल करने वाले लोगों से कहा कि वह जल्द ही दिल्ली से लौट कर अपने घर “सिहमा” आएगी और आगामी छठ का त्योहार मिलजुल कर मनाएंगे.. लेकिन ऐसा शायद भगवान को मंजूर नहीं था। लोक गायिका ‘ शारदा सिन्हा’ संस्कारी सुशील और अच्छे सकारात्मक विचार की एक बहू भी थी जो अपने गांव में मिसाल कायम की थी. जब भी वह त्यौहार के समय अपने घर आती थी तो वह बुजुर्गों और बच्चों को “आप” जैसे शब्द प्रयोग कर अच्छे से पेश आती थी. लोग कहते हैं कि जितना अच्छा उनका गीत होता था उतना ही अच्छा वह अपने रियल लाइफ में भी लोगों के साथ मधुर शब्दों में पेश आती थी. जिससे बेगूसराय के लोग उनकी तारीफ करना आज भी नहीं भूलते हैं।लोक गायिका शारदा सिन्हा सिहमा गांव निवासी ब्रजेश सिंह की पत्नी थी. जिनका जन्म 01 अक्टूबर 19952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था.कुछ महीने पहले ही उनके पति ब्रजेश सिंह का निधन हो गया था.
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