नई दिल्ली: 2 अगस्त
– ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राज़ील, ईरान, जापान, रूस, सऊदी अरब सहित मित्र देशों से 120 वरिष्ठ अधिकारी हुए शामिल
बिहार पुलिस के महानिदेशक आरएस भट्टी ने नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली में 26 जुलाई को एक महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार साझा किए, जिसमें वैश्विक सुरक्षा और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। इस मौके पर भारत और मित्र देशों से 120 वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राज़ील, मिस, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कजाकिस्तान, केन्या, मालदीव, मंगोलिया, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, नाइजीरिया, ओमान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा, यूके, यूएसए और जाम्बिया शामिल हैं।
नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC) के बारे में संक्षिप्त विवरणः
नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली, 1959 में स्थापित किया गया था और यह एशिया का पहला ऐसा संस्थान है जो उच्चतर रक्षा और युद्ध रणनीति के व्यापक पहलुओं पर वरिष्ठ सेवा और सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस महाविद्यालय का उद्देश्य वरिष्ठ अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुर्दों पर व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना और उन्हें उच्चतर प्रबंधन और नीतिगत मामलों में जिम्मेदारियों के लिए तैयार करना है। यह महाविद्यालय भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित होता है और इसकी प्राथमिक भूमिका राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्रों में समझ और सहयोग को बढ़ावा देना है।
यह कोर्स 47 सप्ताह का होता है, जिसमें छह चरणों में अध्ययन किया जाता है। ये चरण हैं: भारत की समझ और रणनीति की शुरुआत, आर्थिक सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण, वैश्विक मुद्दे, भारत के सामरिक पड़ोस और राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीतियाँ और संरचनाएँ। इस प्रतिष्ठित कोर्स में विभिन्न देशों के अधिकारियों को एक मंच पर लाने का उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विशेषज्ञों के विचारों को सुनने और साझा करने का अवसर प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, प्रतिभागियों को राजदूतों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रमुख विचारधारों से बातचीत करने का भी मौका मिलता है, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण विकसित कर सकें।