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बेगूसराय में गंगा नदी 72 सेमी ऊपर बह रही है

कौनैन अली
बेगूसराय: जिले के शाम्हो प्रखंड में बाढ़ शाम्हो में गंगा नदी खतरे के निशान से लगभग 72 सेमी ऊपर बह रही है. केन्द्रीय जल आयोग के विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी जलस्तर में और वृद्धि होगी.जलस्त बढ़ने से दिन-प्रतिदिन शाम्हो में बाढ़ का पानी अब घरों तक पहुंच रहा है.शाम्हों में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 72 सेमी ऊपर बह रही है और लगातार जलस्तर में वृद्धि जारी है.हाथीदह में खतरे का निशान 41.76 मीटर है. वहीं सोमवार को गंगा नदी हाथीदह में 42.32 मीटर पर बह रही थी जो मंगलवार को बढ़कर 42. 48 मीटर पर चली गयी. शाम्हों में जलसस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार को लगभग 46 सेमी बढ़कर 39.03 पर चली गयी. बाढ़ प्रमंडल बेगूसराय के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगले 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है.बनारस, इलाहाबाद, बक्सर में भी जलस्तर बढ़ा है.उपर से बारिश जारी है.केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में हाथीदह में गंगा का जलस्तर 16 सेमी बढ़ा है.सोमवार को जलस्तर 42.32 मीटर था, जो मंगलवार को 16 सेमी बढ़कर 42.48 मीटर हो गया. यह खतरे के निशान से लगभग 72 सेंटीमीटर ऊपर है. हाथीदह में खतरे का निशान 41.76 मीटर है. बाढ़ प्रमंडल बेगूसराय के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगले 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है. गंगा में उफान के कारण शाम्हो प्रखंड की आधी आबादी का सड़क संपर्क टूट गया है.सूर्यगढ़ा-शाम्हो मुख्य सड़क पर गैस गोदाम से टोटहा, अकहा-कुरहा, ओजीएल, तिलाठी, पिपड़पांती, शिशबत्री, सोनबर्षा, नया कुरहा और धनहा तक पानी चढ़ गया है. लोग जोखिम उठाकर इन रास्तों से गुजर रहे हैं. गंगा में उफान के कारण शाम्हो प्रखंड की आधी आबादी का कुछ सड़कों संपर्क टूट गया है.जिस तरह से जलस्तर में वृद्धि हो रही है. कई मुख्य सड़क से भी संपर्क टूट जाने का खतरा बढ़ गया है. सूर्यगढ़ा-शाम्हो मुख्य सड़क पर गैस गोदाम से अकहा कुरहा, नया कुरहा,टोटहा,  तिलाठी,ओजीएल, पिपरपांती, शिशबन्नी,धनहा, सोनबर्षा, तक पानी चढ़ गया है।

 शाम्हों प्रखंड के 2024 के बाढ़ पीड़ित सैकड़ों  परिवार को नहीं मिल सकी बाढ़ राहत की राशि हर साल बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत राशि की घोषणा तो सरकार द्वारा कर दी जाती है.परंतु धारातल पर सरकारी घोषणा समुचित रुप से नहीं उतर पाती.प्रखंड स्तर के पदाधिकारी के उदासीन कार्य शैली के कारण वर्ष 2024 के बाढ़ पीड़ित सैकड़ों लाभुक परिवार राहत राशि के लिए आज तक बाबुओं व कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं लेकिन बाढ़ राहत की राशि नहीं मिली है.
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