पटना, 21 अगस्त :
इंटर्नशिप कार्यक्रम का उच्च शिक्षा में महत्व है जिससे कौशल विकास को बढ़ावा मिलता है। उपरोक्त कथन है टी पी एस कॉलेज प्रधानाचार्य प्रो तपन कुमार शांडिल्य का जिन्होंने वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा CRISPR-Cas पद्धति और जीनोम संपादन पर कार्यशाला के आयोजन के उद्घाटन के अवसर पर कहा। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यशाला जीनोम संपादन के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और इसके अनुप्रयोगों पर केंद्रित थी, जो एक अनूठा और नया विषय है। वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय भूषण कुमार कार्यक्रम के स्वागत भाषण पर कहा कि इस नवीनतम विषय पर कार्यशाला आयोजित करना एक उल्लेखनीय प्रयास है ।
इस अवसर पर मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के पीजी बॉटनी विभाग के प्रमुख प्रो. रवि कुमार सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में CRISPR-Cas पद्धति की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जीवाणु इस पद्धति का उपयोग अपने भीतर विषाणुओं के प्रति प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए करते हैं, जो इस तकनीक का आधार है ।
उन्होंने बताया कि मानव रोगों जैसे हृदय रोग, सिकल सेल रोग, और कैंसर के उपचार में CRISPR-आधारित क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं ।
उन्होंने अपने वक्तव्य में ऑफ-टारगेट प्रभावों को कम करने और मानव जीनोम संपादन से जुड़े नैतिक व शासन संबंधी मुद्दों पर भी ध्यान आकृष्ट कराया। डॉ विजय कुमार सिन्हा ने अपने वक्तव्य में इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के लिए विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के जटिल विषयों पर आगे भी कार्यक्रम आयोजित किए जाने की आवश्यकता है ताकि विज्ञान के छात्र का रुझान बढ़ सके। डॉ ज्योत्स्ना कुमारी ने अपने वक्तव्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशानिर्देशों के संदर्भ में जारी चुनौतियों पर भी चर्चा की ।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विशिष्ट अतिथि प्रो रूपम ने कहा कि यह कार्यशाला जीनोम संपादन के क्षेत्र में शोध और जागरूकता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। आयोजकों और प्रतिभागियों ने इस नई तकनीक के भविष्य में कृषि, चिकित्सा, और अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की संभावनाओं पर बल दिया ।
कार्यशाला में डॉ. ज्योत्सना कुमारी, डॉ. विजय कुमार सिन्हा, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ सुशोभन पलाधि, डॉ देवारती घोष, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ शीलू कुमारी, डॉ नूतन कुमारी, डॉ शशि प्रभा दुबे,डॉ उमेश कुमार और डॉ. मनीष कुमार जैसे प्रख्यात विद्वानों के साथ साथ श्री मनोज कुमार सिंह, बबलू कुमार, डॉ अभिनव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा आंचल श्री ने किया ।
