पीएम मोदी शनिवार को देश के किसानों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. पीएम मोदी दिल्ली में कृषि क्षेत्र से जुड़ी ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े क्षेत्रों की करीब 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इन कृषि कार्यक्रमों से किसान कल्याण, कृषि आत्मनिर्भरता और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी. इसमें पीएम धन धान्य कृषि योजना भी शामिल है. जिसपर कुल 24,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पीएम मोदी ने कहा कि अनाज उत्पादन पहले से 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया है. फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया है. आज हम दूध उत्पान में नंबर वन हैं. भारत दुनिया का दूसरा बड़ा फिश प्रोड्यूसर है, भारत में शहद उत्पादन भी 2014 की तुलना में दो गुना हो गया है. अंडे का उत्पाद भी बीते 11 सालों में डबल हो गया है. इस दौरान देश में 6 बड़ी फर्टिलाइट फैक्ट्रियां बनाई गई हैं, 25 करोड़ से ज्यादा सोयल हेल्थ कार्ड किसानों को मिले हैं. 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है. पीएम फसल बीमा योजना से करीब दो लाख करोड़ रुपये क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं. बीते 11 साल में दस हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ एफपीओज बने हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि में सुधारों की शुरुआत 2014 से हुई. जब हमने खेती को लेकर पुरानी सरकार के लापरवाह रवैये को बदल दिया. हमने किसानों के लिए उनके हित में बीज से लेकर बाजार तक अनेक सुधार किए. जिसका नतीजा आज हमारे सामने है. बीते 11 सालों में भारत का कृषि निर्यात करीब दो गुना हो गया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा रही है. बहुत जरूरी होता है कि बदलते समय के साथ खेती और किसानी को सरकार का सहयोग मिलता रहे. लेकिन दुर्भाग्य से पहले की सरकारों ने खेती किसानों को अपने हाल पर ही छोड़ दिया. कृषि को लेकर सरकार के पास कोई विजन ही नहीं था. कोई सोच ही नहीं थी. खेती से जुड़े अलग-अलग सरकारी विभाग भी अपने-अपने तरीके से काम करते थे. जिसके चलते भारत की कृषि व्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही थी. 21वीं सदी के भारत को तेज विकास के लिए अपनी कृषि व्यवस्था में भी सुधार करना आवश्यकता था.
