बिहार विधानसभा चुनाव के बाद (राष्ट्रीय जनता दल) के लिए एक बड़ी मुसीबत आ गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने लालू-तेजस्वी परिवार के बेहद करीबी सहयोगी अमित कत्याल को गिरफ्तार कर लिया है। करीब 300 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जीवाड़ा का मामला अमित के खिलाफ चल रहा है.यह गिरफ्तारी राजद और लालू-तेजस्वी के लिए बड़े राजनीतिक झटके की तरह है, खासकर विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद यह सबसे बड़ा झटका है. जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में तेजस्वी यादव जिस कोठी में ठहरते हैं, उसका संबंध भी अमित कत्याल से जुड़ा हुआ पाया गया है। बताया जाता है कि कत्याल पहले भी एक अन्य केस में गिरफ्तार हो चुका है। वह M/s Angle Infrastructure Pvt. Ltd. से जुड़े बड़े रियल एस्टेट धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपी और इस कंपनी का प्रमोटर/डायरेक्टर है। इस बार जिस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है, वह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज केस था, जिसे बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने अपने हाथ में लिया। इसी आधार पर ईडी ने कत्याल को हिरासत में लिया है। यह पूरा मामला 300 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले से जुड़ा है। तफ्तीश के दौरान सामने आया कि गुरुग्राम के सेक्टर-70 में Krrish Florence Estate प्रोजेक्ट में कत्याल पर लोगों को फ्लैट न देने का गंभीर आरोप है। कहा जाता है कि यह परियोजना सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन कत्याल ने फर्जी बुकिंग्स कर भारी रकम ऐंठी। जांच में यह भी सामने आया है कि कत्याल ने एक अन्य डेवलपर से धोखाधड़ी के जरिए लाइसेंस हासिल किया और हरियाणा DTCP से अनुमोदन मिलने से पहले ही खरीदारों से पैसा जुटाना शुरू कर दिया था। लालू यादव और तेजस्वी यादव के खास बताए जाने वाले अमित कात्याल की गिरफ्तारी से यह परोक्ष रूप से राजद सुप्रीमो को बड़ा झटका है। दरअसल, इसके पहले भी लालू यादव से जुड़े लैंड फॉर जॉब मामले में अमित कात्याल का नाम आया था। अब उनकी गिरफ्तारी होने से यह तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका है क्योंकि वह उनके खासमखास बताए जाते हैं।
