सिवान,
टीबी रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान में जहां विश्व ने 2023 तक और भारत ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। उक्त बातें अपर समाहर्ता (एडीएम) उपेंद्र कुमार सिंह ने समाहरणालय परिसर स्थित सभागार में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि इसी दृढ़ इच्छाशक्ति और एक जुटता का परिचय देते हुए अधिक से अधिक जिलेवासियों का स्वास्थ्य जांच और एक्सरे कराकर अपने दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा। जिलेवासियों को इस योजना का लाभ अधिक से अधिक दिलाना हम सभी को सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। क्योंकि टीबी की बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है। लेकिन समाज में एक तरह से भ्रम फैला हुआ है कि गरीबी के कारण ही टीबी बीमारी होती है लेकिन ऐसा नहीं है। हालांकि यह बीमारी कई प्रकार से होती हैं जबकि इसके लिए अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए तो छः महीने के अंदर टीबी जैसी बीमारी पर आसानी से विजय प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि इसके अलावा भी कोई भी इच्छुक व्यक्ति जिसको यक्ष्मा बीमारी से संबंधित लक्षण दिखे तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान या संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। हालांकि टीबी की बीमारी कुछ वर्ष पहले तक दूसरे नज़रों से देखा जाता था लेकिन अब इसका इलाज आसानी से हो रहा है। जबकि सबसे अहम बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी से संबंधित उचित परामर्श, जांच, इलाज के साथ ही दवा का वितरण पूरी तरह से निःशुल्क किया जाता है।