पटना, 27 नवम्बर :
” पशु-मॉडलिंग में आधुनिक विकास” विषय पर टी.पी.एस. कॉलेज के वॉटनी विभाग द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ । तिसरे दिन प्रो. ज्योत्सना कुमारी ने फीश मॉडलिंग पर चर्चा करते हुए बताया कि पशु मॉडल का इस्तेमाल करके विषात्कता परीक्षण किए जाते हैं । चिकित्सा और ऊतक इंजिनियरिंग के पूर्व नैदानिक अध्ययन में भी पशु-मॉडल का इस्तेमाल होता है । आयोजन सचिव सह विभागाध्यक्ष डॉ. विनय भूषण कुमार ने बताया कि पशु-मॉडल का दवा खोज प्रक्रिया में अहम हिस्सा है । इन मॉडलों की मदद से संभावित दवाओं और उपचारों का विकास और परीक्षण किया जाता है । इन मॉडलों का इस्तेमाल करके दवा के फार्माकोकाइनेटिक अध्ययन किए जाते हैं । किसी खास शोध के लिए कौन-सा पशु मॉडल सबसे सही है, यह कई बातों पर निर्भर करता है । पशु मॉडल के इस्तेमाल में 3R के सिद्धांतों का पालन किया जाता है । कुल चालीस प्रतिभागियों को प्रो. अबू बकर रिज़वी एवं प्रो. कृष्णनन्दन प्रसाद ने प्रमाण पत्र दिये । इस अवसर पर प्रो. रिज़वी ने बताया कि कार्यशाला प्रतिभागियों के अनुसंधान के क्षेत्र में काफी मदद करेगा ।