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पू. सी. रेलवे द्वारा स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहित करने हेतु 142 स्टेशनों पर “ओएसओपी” स्टॉल स्थापित

मालीगांव, 06 जनवरी, 2025:

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पू. सी. रेलवे) के क्षेत्राधिकार के अधीन 142 रेलवे स्टेशनों पर “एक स्टेशन एक उत्पाद” (ओएसओपी) आउटलेट सफलतापूर्वक चल रहे हैं, जिससे रेलवे स्टेशन स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और बिक्री के लिए जीवंत केंद्रों में परिवर्तित हो रहे हैं। ये आउटलेट न केवल क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरों और विक्रेताओं की आजीविका पर भी महत्वपूर्ण रूप से सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वित्तीय सुरक्षा और स्थायी आजीविका प्रदान करने के अलावा, ओएसओपी योजना समुदायों को सशक्त बनाने और स्वदेशी शिल्प को संरक्षित करने के लिए एक उत्प्रेरक बन गई है।

यह पहल स्थानीय कारीगरों को #Vocal4Local मिशन को बढ़ावा देते हुए अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और विपणन को सशक्त बनाती है। ट्रेन यात्री अब अपनी यात्रा के दौरान ओएसओपी आउटलेट पर स्थानीय हस्तशिल्प, हथकरघा, कपास उत्पादों और अन्य हस्तनिर्मित कलाकृतियों की समृद्ध विरासत की खोज कर सकते हैं।

पू. सी. रेलवे के क्षेत्राधिकार में, 31 दिसंबर 2024 तक पू. सी. रेलवे के पांच मंडलों के 142 स्टेशनों में ओएसओपी आउटलेट संचालित हैं। इनमें असम राज्य में 79, पश्चिम बंगाल में 43, बिहार में 13, त्रिपुरा में 4, अरुणाचल प्रदेश में 2 और नागालैंड में एक आउटलेट शामिल हैं। कुल मिलाकर, ये आउटलेट कई स्थानीय कारीगरों और विक्रेताओं के आर्थिक उत्थान में योगदान दे रहे हैं।

ओएसओपी योजना के अंतर्गत पू. सी. रेलवे के अंधीन उक्त स्टेशनों पर असमिया पिठा (चावल के केक), पारंपरिक असमिया गामोछा, पारंपरिक स्वदेशी पोशाक, जापी, स्थानीय वस्त्र, जूट उत्पाद (टोपी, गुड़िया, गामोछा), बांस और बेंत के उत्पाद, दार्जिलिंग चाय, स्थानीय रूप से निर्मित डिजाइनर चूड़ियां, हार, झुमके, हेयर क्लिप और अन्य खाद्य पदार्थों सहित विभिन्न प्रकार के विशिष्ट तथा अमूल्य उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा हैं।

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